फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) मेरापुर थाना पुलिस पर एक युवक को पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगा है। परिजनों का आरोप है कि देर रात पुलिस घर में घुसी और युवक को अपने साथ ले गई। अंधेरे में युवक को खूब पीटा, जिससे उसकी जान चली गई। हो हल्ला सुन जब गांव वाले वहां पहुंचे तो पुलिसकर्मी भाग निकले। मृतक की मां सुबह से न्याय के लिए अड़ी रही और शव देने से इनकार करती रही। बावजूद पुलिस ने जबरदस्ती शव को जीप में रखा और ले गई। दोपहर बाद पोस्टमार्टम के आधार पर मेरापुर थानाध्यक्ष सहित चार नामजद और 6 अज्ञात पुलिसवालों समेत 10 के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पोस्टमार्टम के बाद गौतम के शरीर पर 4 जगह चोट के निशान मिले हैं। फिलहाल बिसरा सुरक्षित रख लिया गया है। साथ ही गांव में तनाव को दखते हुए पीएसी तैनात कर दी गई है।
थाना मेरापुर के ग्राम ब्रम्हपुरी निवासी महावीर का बेटा गौतम उर्फ सोना (35) खेती किसानी कर अपना परिवार चलाता था। गौतम के दो बेटे व एक बेटी है। गौतम के पिता महावीर ने बताया कि देर रात सब लोग खाना खाकर घर के अंदर सो रहे थे। गौतम अपने बरामदे में सोया था। भाई बॉबी ऊपर छत पर सोया था।
भाई बॉबी ने बताया कि देर रात 12 से 1 बजे के बीच कुछ पुलिसकर्मियों ने घर के सामने गाड़ी रोकी और धड़धड़ाते हुए अंदर घुस गए। एक पुलिसकर्मी ने चारपाई पर लेटे गौतम का कॉलर पकड़ा और घसीटने लगे। इतने में वह नीचे उतरा और इस बात का विरोध किया तो पुलिसवालों ने कहा कि तुम्हें भी झूठे मुकदमे में जेल के अंदर डाल देंगे। इसके बाद पुलिस गौतम को घसीटते हुए दूर तक ले गई। भाई ने बताया कि पुलिसवाले गौतम को घर से 100 मीटर दूर खेतों की तरफ ले गए, जहां घना अंधेरा था। वहां पर गौतम के साथ पुलिसवालों ने मारपीट की। उसे लात-घूंसों और लाठी डंडों से मार मारकर अधमरा कर दिया। बॉबी ने बताया कि वह भी पुलिस के पीछे-पीछे गया था, लेकिन कुछ सिपाहियों ने उसे भाई तक नहीं जाने दिया। वह गिड़गिड़ाता रहा और वे लोग उसके सामने ही भाई को पीटते रहे। कुछ देर बाद गौतम ने दम तोड़ दिया।
गांव वालों के मुताबिक, पुलिस ने शुक्रवार रात कई घरों में तोड़फोड़ भी की थी। गांव के ही विकास ने बताया कि देर रात पुलिसवाले उनके घर में घुसे और तोड़फोड़ करने लगे थे। मना करने पर गाली गलौज भी की। साथ ही सत्यवीर, संतोष, राजू, सर्वेश ने भी पुलिस पर यही आरोप लगाया है। बताया कि इसी दौरान चीख पुकार सुनाई दी। बाहर निकलकर देखा तो खेतों की तरफ अंधेरे में पुलिस युवक के साथ मारपीट कर रही थी। कई ग्रामीण एक साथ पहुंचे तो पुलिसकर्मी वहां से भाग निकले।
इसके बाद परिजन भी घटनास्थल पर पहुंचे। बेटे को मृत अवस्था में देखा तो मां लौंगश्री की चीख निकल गई। परिजनों ने पुलिस वालों पर बेटे की पीट-पीटकर हत्या करने का आरोप लगाया है। घटना की जानकारी होने पर क्षेत्राधिकारी मोहम्मदाबाद, क्षेत्राधिकारी कायमगंज भारी पुलिस बल मौके पर पहुंच गए।
मां लौंगश्री ने शव को पोस्टमार्टम के लिए देने से मना कर दिया। उन्होंने डीएम और एसपी से मिलने की मांग की है। कहा कि जब तक डीएम और एसपी न्याय नहीं दिलाएंगे, वे शव को पीएम के लिए नहीं देंगे। अपर पुलिस अधीक्षक अजय प्रताप सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे हैं। काफी देर बाद भी जब परिजन नहीं माने तो पुलिसकर्मियों ने जबरदस्ती की। पुलिस ने शव को जबरन जीप में रख लिया और अपने साथ ले गए।
ग्रामीणों ने बताया कि मेरापुर पुलिस आए दिन ग्रामीणों का उत्पीड़न करती है। कुछ लोगों को रात में पकड़कर ले जाती है। पैसे की वसूली करती है। पैसा न देने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देती है। जिससे पूरा गांव पुलिस से खौफ खाए रहता है। ग्रामीणों ने बताया कि कम से कम महीने में चार बार पुलिस गांव में आती है। बेवजह ग्रामीणों को परेशान करती है। पुलिस पर लोगों को पकड़कर ले जाने और मोटी रकम वसूलने का आरोप है। ग्रामीणों ने बताया कि मेरापुर थाना पुलिस की प्रताड़ना से कई लोग तंग आ चुके हैं। गांव के कई लोग पलायन कर दूसरी जगह बस गए हैं। गांव के राजेश राजवीर पुत्रगण, किशन लाल और मलखान, सोवरन आदि लोग लगभग 5 वर्ष पहले गांव से पलायन कर चुके हैं।
जानकारी के अनुसार, गौतम पर मारपीट सहित चार मुकदमे दर्ज थे। हालांकि अभी तक कोई आधिकारिक बयान इस पर नहीं मिल पाया है। पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। वहीं, मृतक की पत्नी मंजू देवी ने पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है। उसने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी की जाए।
दोपहर बाद एसपी अशोक मीणा घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। बीती शुक्रवार की रात को मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस मेरापुर थाना के ब्रह्मपुरी गांव पहुंची। वहां पर भारी मात्रा में मिले लहन को नष्ट किया और वापस आ गई। देर रात करीब डेढ़ बजे सूचना मिली कि गांव में युवक गौतम की मौत हो गई। आरोप लगाया गया कि पुलिस की मारपीट में उसकी मृत्यु हुई है। आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। जिसमें चार नामजद और 6 अज्ञात समेत 10 पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसमें मेरापुर थानाध्यक्ष जगदीश वर्मा, अचरा चैकी इंचार्ज विश्वनाथ आर्य सिपाही निखिल, और सिपाही सचिन शामिल हैं। जबकि 6 अज्ञात लोगों का पता पुलिस अभी नहीं लगा पाई है।
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