अखिल भारतीय मानव कल्याण ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष व देश के सुप्रसिद्ध शिक्षाविद समाजशास्त्री दार्शनिक प्रोफ़ेसर एमपी सिंह का कहना है कि देश-दुनिया और कारोबार चलाने के लिए प्रबंधन बहुत जरूरी है बिना प्रबंधन के अनेकों प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है और नकारात्मक परिणाम भी देखने को मिलते हैं
मैनेजमेंट गुरु डॉ एमपी सिंह ने कहा कि आधुनिक युग में मानवीय आवश्यकताएं दिन प्रति दिन बढ़ती जा रही हैं जिन को पूरा करना असंभव सा लग रहा है ऐसी स्थिति में हम सभी को सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि जब तक मानव समूह के स्पष्ट उद्देश्य निर्धारित नहीं किए जाएंगे और उनके लिए योजनाएं नहीं बनाई जाएंगी तथा कार्य का बंटवारा नहीं किया जाएग तब तक शांति व्यवस्था बनाए रखना बहुत मुश्किल है
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व को अधिकार और दायित्व की भी स्पष्ट व्याख्या करनी चाहिए तथा उनमें समन्वय स्थापित करना चाहिए उन सभी क्रियाओं को निर्देशित एवं नियंत्रित करने की योजना भी बनाई जानी चाहिए तभी सफलतापूर्वक कार्य निष्पादित हो सकता है इसी सिद्धांत के आधार पर जटिल से जटिल समस्याओं का समाधान भी आसानी से किया जा सकता है
डॉ एमपी सिंह का कहना है किस सामूहिक क्रियाओं के सफल निष्पादन के लिए एक विशेष शक्ति की आवश्यकता होती है और इस शक्ति का नाम प्रबंधक होता है देश चलाने के लिए देश का प्रधानमंत्री प्रबंधक का कार्य करता है राज्य चलाने के लिए राज्य का मुख्यमंत्री प्रबंधक का कार्य करता है ह कारखाने चलाने के लिए कारखाने का मुखिया प्रबंधक होता है
शैक्षणिक संस्था, धार्मिक संस्था, सरकारी विभाग, संघ, सेना, परिवार आदि प्रबंधक पर ही निर्भर करते हैं व्यवसाय क्रिया तथा गैर व्यवसाय क्रिया में से यदि प्रबंधक को हटा दिया जाए तो कुछ भी शेष नहीं बचता है
प्रबंधन के अभाव में किसी भी क्षेत्र में वांछित परिणाम प्राप्त नहीं किए जा सकते हैं
डॉ एमपी सिंह का कहना है कि प्रबंधक को मनोवैज्ञानिक, समाजशास्त्री ,दार्शनिक, अर्थशास्त्री तथा गणितज्ञ होना बहुत जरूरी है ताकि वह प्लानिंग, ऑर्गेनाइजिंग, स्टाफिंग, डायरेक्टिंग और कंट्रोलिंग सही तरीके से कर सके
उक्त गुणों के बाद ही अच्छा निर्णय लिया जा सकता है तथा सभी के साथ बेहतर समन्वय करके शीर्ष नेतृत्व दिया जा सकता है
उक्त गुणों के आधार पर ही जाति व्यवस्था, धर्म व्यवस्था, वर्ण व्यवस्था, लिंग व्यवस्था, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा व्यवस्था, शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्थ आदि बेहतर तरीके से की जा सकते हैं
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि मैनेजमेंट की कमी की वजह से दंगे- फसाद, लड़ाई -झगड़े ,चोरी- डकैती, धरना- प्रदर्शन, मारकाट, उपद्रव, आंदोलन आदि का जन्म होता है
डॉ एमपी सिंह का मानना है कि प्रबंधन का प्रयोग शास्त्र के रूप में भी किया जा सकता है प्रबंधन के द्वारा उचित वातावरण तैयार किया जा सकता है प्रबंधन के द्वारा अन्य व्यक्तियों से बेहतर काम लिया जा सकता है प्रबंधन के द्वारा अन्य व्यक्तियों का साथ और सहयोग भी प्राप्त किया जा सकता है प्रबंधन के द्वारा ही सफल परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं प्रबंधन से व्यक्ति विशेष और देश का विकास संभव है बेहतर प्रबंधन से बेहतर संगठन ढांचा तैयार किया जा सकता है तथा श्रमिकों और मालिकों के अच्छे संबंध स्थापित किए जा सकते हैं आय में वृद्धि की जा सकती है सामाजिक उत्तरदायित्व की पूर्ति की जा सकती है बाहरी देशों के साथ समन्वय बनाया जा सकता है