डॉ० जितेन्द्र यादव की हत्या की योजना बनाने के आरोप में दो पर मुकदमा

फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) बीते विधान सभा चुनाव में सपा प्रत्याशी के तौर पर अमृतपुर विधान सभा से चुनाव लड़े डॉ० जितेन्द्र सिंह यादव ने अपनी हत्या किये जानें की योजना बनाने के आरोप में दो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। पुलिस आरोपियों को हिरासत में लेकर पूंछतांछ कर रही है।
डॉ० जितेद्र यादव ने दर्ज करायी गयी एफआईआर में कहा है कि बीते 2012 में जन कान्ति पार्टी से विधान सभा अमृतपुर विधायक पद से वह प्रत्याशी थे। जिसमें वह द्वितीय स्थान पर रहा था तथा समाजवादी पार्टी के नरेन्द्र सिंह यादव चुनाव जीते थे। वर्ष 2022 में सपा ने उन्हें विधान सभा अमृतपुर का प्रत्याशी बनाया। जिससे नरेन्द्र सिंह यादव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे। वह व पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह दोनों ही चुनाव हार गये थे। उनकी राजनैतिक विरासत यादव मतदाताओं के द्वारा मुझमें चली जाने के कारण उनका परिवार कट्टर रंजिश मानने लगा। डॉ० जितेन्द्र ने दर्ज कराये गये मुकदमें में कहा है कि उन्हें विश्वसनीय व्यक्ति द्वारा फोन रिकार्डिंग उपलब्ध करायी गयी, जिसमें अभिषेक प्रताप सिंह उर्फ एपी पुत्र अतिवल सिंह उर्फ बिल्लू यादव ग्राम दुनाया थाना नवाबगंज की आवाज में दूसरे व्यक्ति से उनकी हत्या का सौदा कर रहा है। मैं उसकी आवाज से भलिभांति परिचित हूँ क्योंकि वह व्यक्ति पहले मेरे पास आता जाता रहता था। उसकी बातचीत में भैया शब्द का इस्तेमाल कई बार किया गया है, तथा रिकार्डिंग में भैया का राजनैतिक नुकसान की बात मेरे द्वारा चुनाव लडने के कारण कही गयी। जब अभिषेक प्रताप से सम्पर्क किया तब उसने मुझे अवगत कराया है कि यह कार्य करने के लिए आदिल पुत्र भीकम खान निवासी अमर सिंह का नगला नौगवां जिला एटा हाल निवासी ढिलावल फर्रुखाबाद ने सचिन यादव पुत्र नरेन्द्र सिंह यादव की कोठी स्थित नई बस्ती फर्रुखाबाद पर बुलाया था तथा वहीं पर हत्या कराने के मकसद से इन्तजाम करने के लिए कहा था। मेरी अन्य किसी से जनपद में राजनैतिक प्रतिद्धन्ता नहीं है। परिस्थतियोंवश केवल इसी परिवार से राजनैतिक प्रतिद्धन्दता बन गयी है। पुलिस ने अभिषेक प्रताप, आदिल को हिरासत में लिया।
मामले में सचिन सिंह यादव ने बताया कि सब राजनैतिक षडयन्त्र का हिस्सा है। उनके विरोधी सक्रिय होकर यह सब करा रहें हैं। दो आरोपी पुलिस ने पकड़े हंै यह उन्ही के लोग हैं। चुनाव में उनके एजेंट भी बने थे। चुनाव के दौरान उन्होंने अपनी सुरक्षा बढ़ाई थी, लिहाजा एक सुरक्षा एजेंसी से गार्ड लिये थे। उस वक्त उन्हें इतना समय नही था कि वह चुनाव में उनके बारे में जान पायें। अब वह दोनों नामजद आरोपी वहीं कर रहें है जैसा विरोधी कह रहें हैं। उनके आरोप गलत हैं।
थानाध्यक्ष आमोद कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर दोनों आरोपियों को हिरासत में लिया गया है। अभी गिरफ्तारी नही हुई है। जाँच की जा रही है। पुलिस सभी पहलुओं की जाँच करेगी उसके बाद कार्यवाही की जायेगी।

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