आठ लाख में हुआ था सौदा, जांच में पुष्टि के बाद इंस्पेक्टर मदन गोपाल गुप्ता निलंबित, देवेश नए प्रभारी बने
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) एक किशोरी के अपहरण और रेप के आरोपियों को बचाने के लिए प्रभारी निरीक्षक ने मोटी रकम का सौदा तय कर लिया और फिर कार्यवाही को दूसरी तरफ मोड़ते हुए एक ऐसे व्यक्ति को पकड़ कर जेल भेज दिया, जिसका नाम एफआईआर में था ही नहीं। करीब तीन महीने बाद पुलिस को जब सौदे की पूरी रकम नहीं मिली तो प्रभारी निरीक्षक ने आरोपियों को धमकाना शुरू कर दिया। जिसकी रिकार्डिंग किसी ने एसपी को दिखा दी। इस मामले को लेकर एसपी ने गोपनीय जांच कराई और थाना इंचार्ज पर आरोप सही पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया। एसपी ने कहा है कि यह घटना एक नज़ीर की तरह ली जानी चाहिए भविष्य में किसी भी कार्मिक ने कोई अनैतिक हरकत करने की कोशिश की तो उसे और भी कड़ा दंड दिया जाएगा। खाकी को किसी भी कीमत पर दागदार नही होने दिया जाएगा। सौरिख में कन्नौज कोतवाली के उपनिरीक्षक देवेश कुमार को थानाध्यक्ष बनाकर भेजा गया है।
दरअसल ये पूरा मामला सौरिख थाने का है। जहां 18 जुलाई 2022 की रात कस्बे के से 15 वर्षीय किशोरी को सोते समय कुछ लोग जबरन उठा ले गए थे। चीख-पुकार से किशोरी की मां की आंख खुल गई लेकिन तब तक उन लोगों ने किशोरी को बाइक पर बैठा लिया था और भाग निकले। आनन-फानन में किशोरी की मां ने पुलिस को फोन कर घटना की सूचना दी। शोर-शराबा सुनकर आसपास के लोग भी मौके पर आ गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घटना को लेकर किशोरी की मां से पूछताछ की और फिर घेराबंदी कर बाइक सवार अपहरणकर्ताओं की तलाश शुरू कर दी। पुलिस की सजगता से अपहरणकर्ता कस्बे से बाहर नहीं निकल सके। कुछ ही देर बाद पुलिस ने राजन नाम के युवक के साथ किशोरी को ऋषि भूमि इंटर कालेज चौराहे के पास से हिरासत में ले लिया था। जिसके बाद किशोरी ने पूरी घटना अपनी मां को बताई और फिर उसकी मां ने कस्बे के ही राजन और बॉबी नाम के दो युवकों के खिलाफ किशोरी के अपहरण और रेप के आरोप लगाते हुए तहरीर थाना पुलिस को दी थी।
किशोरी के अपहरण और रेप मामले में राजन और बॉबी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने में सौरिख थाना पुलिस दो दिनों तक आनाकानी करती रही। जब मामला सुर्खियों में आ गया तो थाना इंचार्ज मदन गोपाल गुप्ता ने राजन और बॉबी नाम के दो भाइयों के खिलाफ अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कर ली, लेकिन रेप का जिक्र नहीं किया। तीसरे दिन जब मेडिकल रिपोर्ट में किशोरी से रेप की पुष्टि हुई तो बाद में पुलिस ने रेप की धाराओं को एफआईआर में बढ़ाया।
घटना के करीब 22 दिन बाद यानी 8 अगस्त 2022 को अचानक थाना इंचार्ज ने किशोरी के अपहरण और रेप मामले का पटाक्षेप करते हुए इंद्रपाल नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, जबकि मुख्य आरोपी राजन और बॉबी को निर्दोष ठहरा दिया था। इसके पीछे पुलिस ने कहानी बताते हुए कहा था कि सौरिख थाना क्षेत्र का रसूलपुर गांव निवासी इंद्रपाल ने ही किशोरी के अपहरण किया था और उसी ने रेप भी किया। प्रभारी निरीक्षक मदन गोपाल गुप्ता ने दावा किया था कि इंद्रपाल अपने रिश्तेदारों की बाइक बहाने से लेकर आया था और उसी बाइक से किशोरी के अपहरण किया था। जन चर्चा है कि आरोपी राजन और बॉबी को बचाने के लिए पूरा सौदा आठ लाख रुपये में हुआ था। 2 लाख पेशगी दे भी दिए गए थे बाकी के लिए समय मांगा गया था। समय बीतने पर कई बार तगादा हुआ और आरोपियों को अंजाम भुगतने की धमकी मिलने लगी। इस बातचीत का ऑडियो जब एसपी को सुनाया गया तो उन्होंने छिबरामऊ के क्षेत्राधिकारी दीपक दुबे को गोपनीय जांच के आदेश दे दिए। जांच में आरोप सही पाए जाने पर एसपी ने निरीक्षक मदन गोपाल गुप्ता को निलंबित कर लाइन से सम्बद्ध कर दिया।