कन्नौज : आतंक का कायराना शिकार बने मज़दूरों की मौत पर सिसक उठा पूरा जिला

अरोल घाट पर अंतिम संस्कार में सरकार से आम आदमी तक सब दिखे गमगीन

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) कश्मीर में आतंकियों का निशाना बने दो श्रमिकों के शव एक साथ गांव पहुंचने पर दोनों परिवारों में कोहराम मच गया। परिजनों को रोता-बिलखता देख ग्रामीण भी रोने लगे। श्रमिकों के शवों को देखने के लिए आसपास के गांवों के ग्रामीण भी पहुंचे। समाज कल्याण राज्यमंत्री राज्यमंत्री असीम अरुण, सांसद सुब्रत पाठक और तिर्वा विधायक कैलाश राजपूत समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने दोनों परिजनों को सांत्वना दी। इसके बाद कानपुर के अरौल गंगा घाट पर श्रमिकों का अंतिम संस्कार हुआ।

ठठिया थाना क्षेत्र के दन्नापुरवा निवासी रामसागर (50), मुनेश (38), भाई रामबाबू, भोला, मोनू, पिंटू और विनय कश्मीर के शोपियां में सेब के बागान में पैकेजिंग और लोडिंग करते थे। सोमवार की रात आतंकियों ने हेड ग्रेनेड फेंक दिया था। इससे रामसागर और मुनेश की मौत हो गई थी। जिला प्रशासन की टीम बुधवार की सुबह 10 बजे लखनऊ एयरपोर्ट से दोनों श्रमिकों के शव लेकर गांव पहुंची। शव प्रवंधन के लिए विशेष रूप से मेडिकल कालेज से एक शव वाहन लखनऊ एयरपोर्ट भेजा गया था।

पति रामसागर का शव देखते ही पत्नी मालती देवी बेसुध हो गई। वहीं मुनेश का शव देख पत्नी पुष्पा सदमे में आ गई। परिजनों की चीखपुकार से सबकी आंखे नम हो गईं। भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र राजपूत, अवधेश राठौर, ब्लाक प्रमुख सदर रामू कठेरिया, राजन अवस्थी और सपा नेता विजय द्विवेदी ने भी परिजनों को ढांढस बंधाया।

  इस बार सेब और कपड़े नहीं आए

 डेढ़ माह कमाई कर हर साल दीपावली पर रामसागर और मुनेश कश्मीर से सेब और बच्चों के लिए कपड़े लाते थे। इस बार कुदरत को ऐसा मंजूर नहीं था। गांव में ताबूतों में श्रमिकों के शव पहुंचे। गांव में भीड़ के बीच चीख-पुकार मची थी। मासूम अनुष्का, प्रिया, रिया और रंजीत गमगीन माहौल में पिता मुनेश को खोज रहे थे। रोते हुए पत्नी पुष्पा कह रहीं थी। हर साल पति सेब और कपड़े लाते थे। पति की मौत से दुनिया उजड़ गई।

पिता को मुखाग्नि देकर फफक पड़ा प्रांशू


अरौल गंगा घाट पर मुनेश को बेटे प्रांशू (16) ने मुखाग्नि दी। पिता को मुखाग्नि देते ही वह फफक कर रोने लगा। तब राज्यमंत्री असीम अरुण और परिवार के अन्य लोगों ने उसे संभाला। वहीं रामसागर को छोटे भाई सर्वेश ने मुखाग्नि दी। एक साथ गांव के दो लोगों की घाट पर चिताओं को जलता देख लोगों की आंखों में आंसू आ गए।

पांच थानों की पुलिस-पीएसी रही मुस्तैद


गांव में शव आने से पहले ठठिया, इंदरगढ़, तिर्वा, महिला थाना, और सदर कोतवाली पुलिस के साथ-साथ एक सेक्शन पीएसी बल गांव में तैनात कर दिया गया था। गांव से आधा किलोमीटर दूर वाहनों को रोक लिया गया। एसडीएम तिर्वा उमाकांत तिवारी, एएसपी डॉ अरविंद कुमार, सीओ शिव प्रताप सिंह भी मुस्तैद रहे।

अंतिम संस्कार में नहीं शामिल हो सके घायल रामबाबू


आतंकी हमले में मुनेश के भाई रामबाबू, पड़ोसी भोला, मोनू घायल हो गए थे। इस दौरान पिंटू और विनय हिसाब-किताब करा रहे थे। हवाई जहाज से मुनेश और रामसागर के शव बुधवार को आ गए। जबकि घायल रामबाबू समेत अन्य लोग ट्रेन से रवाना हुए हैं। यह लोग गुरुवार शाम तक घर लौट सकेंगे। रामबाबू भाई के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो सका।

दो एकड़ भूमि और 20 लाख की आर्थिक सहायता  

शोपियां, जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में  कन्नौज निवासी गैर स्थानीय प्रवासी मजदूर मनीष कुमार एवं राम सागर की मृत्यु पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए परिजनों को ₹5-5 लाख की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

अपने संदेश में उन्होंने कहा कि स्वर्गीय राम सागर एवं स्वर्गीय मुनेश कुमार राष्ट्र निर्माण में योगदान करने कश्मीर गए थे। मृतकों के परिवारों की जिम्मेदारी सरकार लेगी। राज्य सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे राज्यमंत्री असीम अरुण ने सरकार की ओर से 20-20 लाख रुपए की आर्थिक सहायता की घोषणा के साथ जिला प्रशासन से 2 एकड़ जमीन का पट्टा और मुख्यमंत्री आवास के साथ ही सरकार की सभी योजनाओं से जोड़े जाने की घोषणा की और कहा कि सरकार और पार्टी दोनों परिवारों की चिंता करेगी।

मृतकों के बच्चों को सरकार की ओर से शिक्षा मुहैया कराई जाएगी। मंत्री ने इस सूचना को अपने ट्विटर हैंडल से भी शेयर किया।

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