हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ का अहम फैसला: अन्य विधाओं के चिकित्सक भी एलोपैथिक के समान मानदेय के हकदार

लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एक अहम फैसले में कहा है कि सरकारी अस्पतालों में तैनात आयुष व अन्य विधाओं के चिकित्सक भी एलोपैथी चिकित्सकों के समान मानदेय और अन्य सुविधाएं पाने के हकदार हैं। इनके बीच विभेद नहीं किया जा सकता। इस महत्वपूर्ण नजीर के साथ कोर्ट ने प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा व स्वास्थ्य के 29 मार्च 2019 के उस आदेश को रद्द कर दिया जिसमें याची आयुष चिकित्सकों के एलोपैथिक के समान मानदेय की मांग वाले प्रत्यावेदन को खारिज कर दिया गया था।
न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने डॉ. राम सुरेश राय समेत 29 चिकित्सकों की याचिका पर आदेश दिया कि 14 नवंबर, 2014 के सरकारी आदेश से लागू की गई स्पेशल एश्योर्ड कॅरिअर प्रोग्रेसन (एसएसीपी) योजना अन्य विधाओं के चिकित्सा अधिकारियों पर भी लागू होगी। याचियों का कहना था कि वे आयुष चिकित्सक है और संविदा पर एनआरएचएम योजना के तहत कार्यरत हैं। समय-समय पर उनका नवीनीकरण होता रहा है। जब उन्होंने अपने समान कार्यरत एलोपैथिक डॉक्टरों के बराबर मानदेय दिए जाने का प्रत्यावेदन दिया तो उसे प्रमुख सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य ने खारिज कर दिया। याचिकाकर्ताओं ने पीएचएमएस संवर्ग के चिकित्सकों को मिलने वाले एसएसीपी के लाभ की तिथि से ही आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारियों को भी इसका लाभ दिलाए जाने की गुजारिश की थी।
कोर्ट ने कहा – ‘सवाल यह है कि सरकार ऐसी कोई नीति तय कर सकती है जो विभिन्न विधाओं के चिकित्सा अधिकारियों के बीच विभेदकारी हो? जबकि सभी विधाओं के चिकित्सक मरीजों का समान रुप से इलाज करते हों। एसीपी योजना के मद्देनजर, आयुर्वेदिक व अन्य विधाओं के चिकित्सा अधिकारियों को योजना से अलग रखने की प्रशासनिक नीति निश्चित रूप से विभेदकारी है।’

Check Also

बर्दाश्त नहीं की जाएगी स्वास्थ्य सेवाओं में ढील : आठ डॉक्टरों पर गिरी गाज, बर्खास्तगी के आदेश

लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार बेहद संजीदा है। ड्यूटी …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *