प्रवन्धक पर लगाये मनमानी करने के आरोप, निलम्बन वापसी तक जारी रहेगा विरोध प्रदर्शन
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के मढ़पुरा गांव स्थित महात्मा गांधी इंटर कॉलेज अध्यापकों और प्रबंधक के झगड़े का अखाड़ा बना हुआ है। यहां कोर्ट से केस जीतने वाले टीचर को प्रबंधक ने निलंबित कर दिया तो छात्र-छात्राएं भड़क गए। हंगामा करते हुए छात्रों का हुजूम सड़क पर उतर आया। रोते हुए बच्चों ने प्रबधंक के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़क पर जाम लगा दिया। पुलिस ने पहुंच कर स्कूली बच्चो को समझा-बुझा कर किसी तरह मामला शांत कराया।
इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के मढ़पुरा गांव में महात्मा गांधी इंटर कॉलेज है। यहां पिछले कई वर्षों से प्रबंध समिति और शिक्षकों के बीच खींचतान चली आ रही। कभी कमेटी के सदस्यों को लेकर विवाद हुआ तो कभी शिक्षकों पर कार्यवाही को लेकर हंगामा हुआ।
ऐसा ही एक मामला मंगलवार सुबह सामने आ गया। जब स्कूल पहुंचे छात्र-छात्राओं को पता चला कि उनके टीचर के. के. सिंह को प्रबंधक शिखा अग्निहोत्री ने निलंबित कर दिया है। इस सूचना के बाद तो छात्र-छात्राएं भड़क गए। प्रबंधक पर तानाशाही के
आरोप लगाते हुए कॉलेज परिसर में बच्चे नारेबाजी करने लगे। इसके बाद उत्तेजित छात्र-छात्राएं कॉलेज के बाहर निकल आए और तिर्वा-सौरिख रोड पर जाम लगा दिया। सूचना मिलते ही इंदरगढ़ थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई। गुस्साये छात्र-छात्राओं को किसी तरह शांत कराया छात्र-छात्राओं का कहना है कि जब तक शिक्षक का निलंबन वापस नहीं लिया जाएगा, तब तक वह लोग कॉलेज में पढ़ाई नहीं होने देंगे।
महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में पढ़ाने वाले टीचर के. के. सिंह बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। उनके पढ़ाने का अंदाज बच्चों का काफी भाता है। लेकिन मंगलवार सुबह जब छात्र-छात्राओं को पता चला कि उनके टीचर को प्रबंधक ने निलंबित कर दिया तो वह लोग फफक पड़े। आंखों में आंसू लेकर छात्राएं भी सड़क पर निकल आईं और टीचर को न्याय दिलाने के लिए विरोध प्रदर्शन करने लगीं।
महात्मा गांधी इंटर कॉलेज में तैनात 5 शिक्षकों के. के. सिंह, कैप्टन किशोर बाजपेई, धीरेंद्र कुमार शुक्ला, मुकेश दीक्षित, सुशील कुमार तिवारी ने चयन वेतनमान लगाने के लिए करीब 10 वर्ष पहले हाईकोर्ट में केस दायर किया था। लंबे समय बाद हाईकोर्ट ने टीचरों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए 13 दिसम्बर को जिला विद्यालय निरीक्षक को वेतन के लिए आदेशित किया था। शिक्षक के.के. सिंह का कहना है कि इसी बात से प्रबधंक शिखा अग्निहोत्री के पति विनीत अग्निहोत्री नाराज थे और उन्होंने व्यक्तिगत खुन्नस मानते निराधार आरोप लगाकर निलंबित कर दिया।
टीचर के. के. सिंह को निलंबित करने वाली प्रबंधक शिखा अग्निहोत्री ने पत्र में लिखा कि के. के. अनुशासन हीन व्यक्ति हैं। वह अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं करते हैं और उच्चाधिकारियों के निर्देशों का पालन नहीं करते। इन 3 आरोपों के आधार पर शिक्षक को निलंबित कर दिया गया।
प्रबंधक के खिलाफ छात्रों के हंगामा और प्रदर्शन के दौरान महात्मा गांधी इंटर कॉलेज के शिक्षकों ने बताया कि प्रबंधक ने 2 या 3 शिक्षकों को छोड़कर बाकी सभी शिक्षकों का 12 दिन का वेतन रोक दिया था। उस 12 दिन के वेतन के खिलाफ भी कोर्ट में मामला चल रहा है। मनमाने तरीके से प्रबंधक के द्वारा टीचरों को परेशान किया जा रहा है। जिस कारण कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों का धैर्य भी जवाब दे गया।