कान्यकुब्ज साथी संस्था ने मनाई महापुरुषों की जयंती
बृजेश चतुर्वेदी
देश के द्वय भारत रत्न पंडित मदन मोहन मालवीय -पंडित अटल बिहारी बाजपेई की जयंती आठवीं शताब्दी के बाबा कालेश्वर नाथ मंदिर सिखाना में सामाजिक- सांस्कृतिक- साहित्यिक संस्था कान्यकुब्ज साथी के तत्वाधान में आचार्य पंडित बृजेश द्विवेदी की अध्यक्षता तथा अमरनाथ ध्येयनिष्ठ के मुख्य आतिथ्य में मनाई गई।
मुख्य अतिथि ने कहा कि आज जिन दोनों महापुरुषों की जयंतियां मनाई जा रही हैं उनका व्यक्तित्व कृतित्व भावी पीढ़ी को अवश्य पढ़ना समझना चाहिए। फिर उसे आचरण में उतारना चाहिए। बहुमुखी प्रतिभा के धनी शिक्षक- वकील -पत्रकार समाज सेवक मालवीय जी को महामना की उपाधि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने दी थी। वरुण तिवारी ने कहा दोनों ही महापुरुष का आचरण अनुकरणीय व वंदनीय है। मालवीय जी ने बी.एच.यू (हिंदू विश्वविद्यालय) की स्थापना करा कर भावी पीढ़ी को जो सौगाते सौंपी है। जिसके कारण वह सदैव याद किए जाएंगे। कानपुर से पधारे मोर मुकुट ने कहा देश का प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय “सत्यमेव जयते” आदर्श वाक्य मालवीय जी की देन है ।अध्यक्षता कर रहे आचार्य बृजेश जी ने इस अवसर पर दोनों ही महापुरुषों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिमालय जैसे विराट व्यक्तित्व के धनी अटल जी ने यू. एन .ए में हिंदी में भाषण देकर उस समय जो आदर्श प्रस्तुत किया वह स्तुत्य आपने अटल जी की कविताएं “अपनों के मेले में मीत नहीं पाता हूं “,हार नहीं मानूंगा सुना कर खूब तालियां बटोरी।
दोनो ही महापुरुषों का वेद मंत्रोच्चारण के साथ बाबा कृष्ण कुमार व पंडित प्रकाश चंद्र मिश्र ने पूजन अर्चन करवाया। देवेंद्र कुमार मिश्र,जगपाल सिंह, अविनाश दुबे ,आलोक शुक्ल, राजेश पांडे ‘राजू ‘,मूलचंद चौरसिया, गोपाल अवस्थी आदि लोगों ने पुष्पांजलि की व अपने अपने विचार रखे। संचालन व आभार संस्था के अध्यक्ष मनोज कुमार शुक्ल ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।