सदन में कई मुद्दों पर हुई नोकझोंक, अगले वित्त वर्ष का लेखनुमान भी पेश
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) जिला पंचायत ने वित्त वर्ष के बचे हुए तीन माह की अवधि के लिए आज 24 करोड़ 19 लाख रुपये का पुनरीक्षित बजट सदन में पेश किया जिसे हल्की फुल्की बहस और टिप्पणियों के साथ सदन ने सर्व सम्मति से पास कर दिया। जिला पंचायत के अपर मुख्यधिकारी सुरेंद्र कुमार ने आगामी वित्त वर्ष के लिए 36 करोड़ 84 लाख रुपये का पर्वानुमान भी सदन में पेश किया और जिला पंचायत की भावी योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की।
सदन ने टाइड और अनटाइड फण्ड से कराए जाने वाले प्रस्तावित कार्यों के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना का खाका भी अनुमोदित कर दिया।
सदन ने सर्व सम्मति से जिला बनने से पूर्व छिबरामऊ स्थित गाटा संख्या 168 पर बनी दुकानों के विनियमितीकरण का प्रस्ताव भी पारित कर दिया ताकि इन दुकानों से जिला पंचायत को नियमित आय हो सके।
जीटी रोड के चौड़ीकरण में नष्ट हुई मानीमऊ स्थित दुकानों के पुनःनिर्माण के लिए भी सदन ने अपनी मंजूरी दे दी। सदन ने जिला पंचायत की भूमि पर सतौरा बाज़ार, इंदरगढ़, में भी दुकाने बनाने का प्रस्ताव पारित कर दिया। कृषि फार्म उमर्दा, जनखत, भौरामऊ और मित्रसेनपुर में बने कृषि फार्मो की चहार दीवारी बनाने का भी एक प्रस्ताव पारित कर दिया ताकि इन स्थलों पर अतिक्रमण को रोका जा सके।
महँदीघाट पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए जिलाधिकारी के आग्रह पर सीसी रोड, सीढियो, स्न्नान स्थल और स्थायी रेलिंग के निर्माण को सदन की मंजूरी मिल गयी हालांकि इस प्रस्ताव पर सदस्य चाहते थे कि इस कार्य मे सांसद और विधायकों की निधि से भी बराबर की रकम खर्च की जाय किन्तु इस पर सदन में मौजूद सांसद और छिबरामऊ तथा तिर्वा के विधायक सहमत नही हुए।
सदन ने जहां अध्यक्ष के खर्च की सीमाको शासन द्वारा ढाई हजार से बढ़कर दस हज़ार किये जाने का स्वागत किया वही उसने बोर्ड द्वारा खर्च की सीमा 50 हज़ार को भी अध्यक्ष को समर्पित कर दिया।
सदस्य नेहा त्रिपाठी ने हसेरन में नाला निर्माण की बेहद खराब गुणवत्ता का मामला सदन में उठाया वही श्याम सिंह ने यूरिया की कालाबाज़ारी, इंद्रेश यादव ने सोलर लाइट में सदस्यों की उपेक्षा, का मामला उठाया। दिगम्बर सिंह ने जहां विकास कार्यो में भेदभाव की बात कही तो सांसद ने विपक्ष द्वारा अतिक्रमण का मुद्दा उठा दिया। एकजुट विपक्ष का स्वर तेज होते देख सांसद ने विपक्ष द्वारा मेडिकल कालेज का नाम बदलने को लेकर हुई राजनीति पर सवाल करते हुए डॉ आंबेडकर के अपमान की बात कही यहां सांसद और सदस्यों के बीच तीखी बहस का सदन साक्षी बना। श्याम सिंह यादव ने सदन की बैठक का समय बदल कर पूर्वान्ह 11 बजे किये जाने की मांग की तो इसे भी स्वीकार कर लिया गया।