कन्नौज : महाशिवरात्रि को होगा 19 वाँ महाराजा जयचंद स्मृति समारोह

कान्यकुब्ज शिक्षा एवम समाजसेवा समिति ने बैठक कर दिया कार्यक्रम को अंतिम रूप ! 

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) कान्यकुब्ज शिक्षा एवम समाजसेवा समिति के अध्यक्ष व कन्नौज के पूर्व ब्लाक प्रमुख नबाव सिंह यादव ने मंगलवार को बालाजी गेस्ट हाउस में बुद्धि जीवियों के साथ बैठक कर प्रति वर्ष मनाए जाने वाले ‘महाराजा जयचंद स्मृति समारोह’ की तैयारियों को अंतिम रूप दिया। बैठक में निर्णय लिया गया कि समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्र कवि डॉ नरेश कात्यायन को आमंत्रित किया जाये।

 मंगलवार को बालाजी गेस्ट हाउस में कान्यकुब्ज शिक्षा एवम समाजसेवा समिति के अध्यक्ष नबाव सिंह यादव की मौजूदगी में सम्पन्न हुई बुद्धि जीवियों की बैठक में तय हुआ इस बार महाराजा जयचंद स्मृति समारोह और अधिक भव्यता से मनाया जायेगा। इस दौरान कार्यक्रम के आयोजक नबाव सिंह यादव ने कहा कि कन्नौज के अंतिम हिंदू सम्राट जयचंद पर लगे कथित कलंक को धोने के लिए समिति एक बार फिर घोषणा करती है कि देश अथवा विदेश का जो भी इतिहासकार प्रमाणित करेगा कि महाराजा जयचंद वास्तव में गद्दार थे समिति उस व्यक्ति को पांच लाख रुपये नकद इनाम देगी। उन्होंने कहाकि कन्नौज वासी होने के नाते हम सबका दायित्व बनता है कि हम अपने राजा के ऊपर लगे मिथ्या आरोप को झुठलाने के लिए आवाज़ बुलंद करे।  जब तक इतिहास में संशोधन नहीं किया जायेगा समिति का सांस्कृतिक आंदोलन जारी रहेगा । उन्होंने जनपद वासियों से अपील करते हुए कहाकि उनकी समित्ति समाजसेवा के साथ ही अपने पूर्वजों की गौरव गाथा जनता में पहुंचाने के लिए प्रयासरत है । 

 बैठक में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ सुशील राकेश शर्मा ने कहाकि जो लोग अपना इतिहास भूल जाते है उनका वर्तमान और भविष्य सुनहरा नहीं होता। पत्रकार प्रकाश शर्मा ने कहा कि महाराजा  जयचंद स्मृति समारोह से आम जन मानस में धीरे-धीरे चेतना जागृत हो रही है और प्रायः देखने में आने लगा है कि अब प्रचलन में जयचंद नाम का प्रयोग करने वाले लोग सावधानी बरतने लगे हैं । इस दौरान पत्रकार दिनेश दुबे ने कहाकि कन्नौज के इस कार्यक्रम की धमक ही है जो पूरे देश के लेखकों व साहित्यकारों का एक बड़ा वर्ग जयचंद शब्द को लेकर गम्भीर हो गया है। बैठक में प्रमुख रूप से प्रोफेसर उमेश चन्द्र द्विवेदी , सुरेंद्र कुशवाहा, विष्णु शुक्ला व अमित दुबे मौजूद रहे।

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