‘‘जर्जर बसों को बेड़े से बाहर करेगा यूपी रोडवेज’’
लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी रोडवेज राजधानी बसें चलाने की तैयारी कर रहा है। ये बसें सुबह जिला मुख्यालय से चलकर राजधानी तक पहुंचेगी और उसी दिन शाम को अपने जिलों में वापस आएंगी। वहीं राज्य परिवहन निगम अपने बेड़े से पुरानी बसों को हटाकर उनकी जगह नई बसें लगा रहा है। राज्य परिवहन निगम द्वारा दो साल से कोई नई बस नहीं खरीदी जा सकी है क्योंकि निगम पहले से ही नई बसों का उपयोग कर रहा है। बेड़े को सही करने के लिये प्रत्येक वर्ष एक हजार बसों का आना अनिवार्य होता है लेकिन कोरोना काल के कारण ऐसा नहीं हो सका था। उन्होंने कहा कि हमने अभी तक 2200 बसों की खरीदारी की है और हर छह माह में बेड़े में शामिल करने के लिए एक हजार बसें खरीदी जायेंगी। यह जानकारी उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह ने गुरुवार को मीडिया से साझा की।
उन्होने कहा कि प्रयागराज में लगने वाले कुम्भ को देखते हुए 2025 तक सात हजार बसों की खरीदारी की जायेगी। यूपी के रोडवेज बस स्टेशनों को हवाई अड्डे की तर्ज पर बनाने की योजना चल रही है और इसके लिए प्रदेश के गोरखपुर, वाराणसी सहित 23 बस अड्डों का टेन्डर किया जा चुका है। शीघ्र, ही देवरिया सहित अन्य जिलों को दूसरी सूची में शामिल कर लिया जायेगा।
सिंह ने बताया कि हवाई अड्डे के तर्ज पर बनने वाले बस अड्डों पर माल, बाजार सहित अन्य सुविधाओं के साथ-साथ महिलाओं के बैठने की व्यवस्था के साथ आधुनिक शौचालय होंगे। ग्रामीण इलाकों, प्रदेश के अन्दर लम्बी दूरी तथा प्रदेश से बाहर चलने वाली अच्छी बसों को चलाया जायेगा, जिसका किराया बस के स्टेण्डर्ड के अनुसार निर्धारित होगा।
उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश के हर जिलों से राजधानी बस चलायी जायेगी, जिसके माध्यम से यात्री अपने जिलों से सुबह चलकर राजधानी लखनऊ पहुंचकर उसी बस से देर शाम बैठकर अपने जिलों को वापस हो जायेंगे। इस बस का किराया अन्य बसों से कुछ अधिक होगा और ये बस मात्र एक जगह यात्रा के दौरान रूकेंगी।