हड़तालियों ने डीएम की बात भी नही मानी, धरना बदस्तूर जारी रखने का ऐलान
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) ब्लाक कर्मी की आत्महत्या का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। सोमवार को परिवार के साथ कर्मचारियों ने आरोपी पीडी की गिरफ्तारी को लेकर जो मोर्चा खोला था उसका आज हल निकालने की संभावना थी। जिले के सभी ब्लाक भवनों के कार्यालय में ताला बंद कर कर्मचारी विकास भवन पहुंचे। यहां सभी कार्यालयों में ताला लगवाकर कर्मचारियों के साथ मुख्य गेट पर धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। इस दौरान कई फरियादी लौट गए। कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल स्टाफ असोसिएशन समेत कई संगठनों ने आज आंदोलन को अपने समर्थन का ऐलान कर दियाआज प्रातः जब कर्मचारी संगठनों की बैठक पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पांच कर्मचारी नेता और सीडीओ आर एन सिंह के नेतृत्व में चार अफसरों की आमने सामने बैठक हुई तो कुछ बाते थी जिनका समाधान जिलाधिकारी को करना था। सीडीओ की पहल पर कर्मचारी संगठनों के नेता डीएम से मिले और उन्होंने ज्यूडिशियल जांच की सिफारिश भेजने और मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता दिलाने की भी अनुशंसा का पत्र भेजने पर सहमति जताई। पीडी की गिफ्तारी को लेकर उन्होंने कहा कि यह प्रक्रियागत मामला है और इस मामले में वे महज सिफारिश कर सकते हैं कि जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जाय।
जांच अधिकारी बदलने की मांग पर डीएम बोले कि जिले के अंदर वे यह कार्य कराया सकते है किंतु जिले के बाहर जांच स्थानांतरित कराने के लिए उन्हें आई जी रेंज से सम्पर्क करना होगा। कर्मचारी नेता इस पर सहमत हुए किन्तु धरना स्थल लौटने पर कर्मचारी पीडी की गिरफ्तारी तक न उठने की मांग पर अड़ गए। इसी बीच कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष बदन सिंह के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट कर्मचारी भी धरना स्थल पहुंच गए और फिर इन संगठनों ने कल से बेमियादी हड़ताल और पूर्ण तालाबंदी की घोषणा कर दी। साथ ही माहौल तब और तनाव पूर्ण हो गया जब राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के नेता अशोक सविता ने एक नई मांग जोड़ी उन्होंने ऐलान किया कि कल से एक मांग होगी कि “सीडीओ हटाओ जिला बचाओ”।सदर ब्लाक में प्रधान सहायक पद पर तैनात अशोक सविता ने तीन दिसंबर को ब्लाक तेराजाकेट स्थित आवास पर फांसी लगा ली थी। उनके पास से मिले सुसाइड नोट में परियोजना निदेशक और कन्नौज ब्लाक के प्रभारी सुशील कुमार सिंह पर उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। मृतक के बेटे आशीष ने परियोजना निदेशक के खिलाफ गुरसहायगंज कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। सोमवार को पीडी की गिरफ्तारी, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और एक करोड़ मुआवजे की मांग को लेकर मोर्चा खोल दिया। जिले के सभी ब्लाकों में तालाबंदी कर कर्मचारी विकास भवन पर एकत्र हुए। यहां विकास भवन के कार्यालयों में भी कामकाज बंद कराते हुए ताले लगा दिए। इसके बाद मृतक की पत्नी सुमन, बेटा आशीष, रंजीत और बेटी निधि के साथ मुख्य गेट पर धरना देते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया। कर्मचारियों ने पीडी की गिरफ्तारी न होने पर जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।राज्य कर्मचारी महासंघ के जिलाध्यक्ष सतेंद्र मोहन शर्मा ने कहा कि अधिकारी आरोपी पीडी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पीडी की गिरफ्तारी और सभी मांगें पूरी नहीं होंगी तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रहेगी। हड़ताल को कई कर्मचारी संगठनों ने समर्थन दे दिया है। इस दौरान संजीव कुमार यादव, फारुख जाफरी, बृजेश कुमार, राम महेश कटियार, नवीन कुमार, ओमकार सिंह, सुुशील कुमार, प्रियंका सिंह, रेनू यादव, पूजा सिंह, नीलम शर्मा, हरीशंकर, अजीत कुशवाहा मौजूद रहे।