कन्नौज राजनैतिक उपेक्षा का शिकार, इसलिए अब तक नही घोषित हुआ आलू का समर्थन मूल्य
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने योगी सरकार द्वारा नवरात्र के अवसर पर अष्टमी और नवमी को मंदिरों में रामचरितमानस के पाठ का आयोजन कराने पर बड़ा बयान दिया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह हमारी बहुत बड़ी जीत है जब मैंने रामचरितमानस का विरोध किया तो लोगों ने इसे पढ़ना बंद कर दिया तब सरकार घुटनों के बल औंधे मुंह गिरी। अब योगी सरकार सरकारी खर्चे पर रामचरितमानस के पाठ का आयोजन करवा रही है यह उसका अपमान करने वालों की बहुत बड़ी जीत है।
आलू किसानों पर बोलते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि किसानों के बलबूते पर बनी भाजपा सरकार आज किसानों की दुश्मन बन गई है। किसानों को दुगनी आय का वादा करने वाली सरकार आज आलू के समर्थन मूल्य के बराबर भी आय नहीं करा पा रही है आलू का समर्थन मूल्य कुछ जिलों में घोषित हुआ है और कुछ जिलों में अभी तक नहीं हुआ है कन्नौज जनपद भी सरकार की उदासीनता और उपेक्षा का शिकार हुआ है जिसके कारण अभी तक कन्नौज में आलू के समर्थन मूल्य को लागू नहीं किया गया है।
बसपा को भाजपा की बी टीम कहे जाने के सवाल पर स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि अब प्रदेश की जनता मायावती जी की हकीकत जान चुकी है इसीलिए उनकी उनका सारा वोट बैंक सपा में स्थानांतरित हो चुका है इसलिए चार चार बार की मुख्यमंत्री रहने वाली बहन सुश्री मायावती आज अकेली हो गई है और उनका मात्र एक विधायक है।
सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मैनपुरी से लखनऊ जाते वक्त छिबरामऊ में पार्टी के वरिष्ठ नेता बृजपाल शाक्य के आवास पर मीडिया से बात करते हुए यह बयान दिए।
श्री मौर्या बहबलपुर में दिनेश शाक्य के आवास पर भी रुके। इस दौरान लोहिया वाहिनी के पूर्व जिला अध्यक्ष योगेंद्र यादव, हरीश शाक्य, पप्पू शर्मा सहित कई सपा नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे। वही इस दौरान बृजपाल शाक्य के आवास पर उन्होंने पत्रकारों से प्रेस वार्ता के दौरान कहा कि स्वाभाविक रूप से किसानों के बलबूते पर ही भाजपा सरकार बनी है वही सरकार अब किसानों की दुश्मन अब बन गई है उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर आलू उत्पादक किसान हैं लेकिन सरकार उनके वादे के मुताबिक उनकी लागत देना तो दूर उनकी लागत का भी खर्च भी नहीं दे पा रही है न्यूनतम मूल्य कुछ जिलों में घोषित हुआ है कुछ जिलों में नहीं हुआ। कन्नौज जनपद भी सरकार की उदासीनता का शिकार हुआ है जिसके नाते कन्नौज में अभी न्यूनतम मूल्य घोषित नहीं हो पाया है स्वाभाविक रूप से आज जानबूझकर जहां एक ओर किसान को महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है वहीं किसानों की फसल को 100 से 200 छुट्टा जानवर चौपट कर रहे हैं सरकार किसान की लागत तो देना दूर की बात उनके खाद बीज तक का पैसा नहीं दे पा रही है जिसको लेकर किसान नौजवान परेशान है वही इस सरकार में जितने भी सरकारी संस्थान हैं वह सारे के सारे बिक चुके हैं।