हाथी खाना में फाइलेरिया मरीजो को चिन्हित करने को हुआ नाइट ब्लड सर्वे

फर्रुखाबाद।(आवाज न्यूज ब्यूरो) मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीन्द्र कुमार के निर्देशन में हाथी खाना में बुधवार की रात नाइट ब्लड सर्वे हुआ। इस दौरान 20 लोगों के रक्त के नमूने लेकर जांच के लिए भेज दिया गया हैl साथ ही 4 लोगों के रक्त के नमूने नाईट क्लीनिक फतेहगढ़ में लिए गए।
जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) डॉ राजेश माथुर ने बताया कि जिले में फाइलेरिया रोगियों की खोज के लिए माह के हर बुधवार को जिला मलेरिया विभाग में नाइट क्लीनिक चलती है l इसमें फाइलेरिया रोगियों की पहचान के लिए रात में 8 बजे से 10 बजे तक ब्लड सैंपल लिया जाता हैl इसके अलावा महीने में दो बार जहां पर फाइलेरिया रोगी हैं या कोई संभावित गांव है तो वहां शिविर लगाकर रात्रि में रक्त का सैंपल लिया जाता है। बुधवार को हुए सर्वे में फाइलेरिया निरीक्षक योगेश, अनिमेश शुक्ल, सीनियर लैब टेक्नीशियन कौशलेंद्र बायोलॉजिस्ट श्री राम शुक्ला, श्याम मोहन और प्रवीण आदि मौजूद रहे l
डीएमओ ने बताया कि फाइलेरिया के रोगियों को रात में इसलिए चिन्हित किए जाते हैं क्योंकि रात में ही इसके परजीवी यानि माइक्रो फाइलेरिया खून में अधिक सक्रिय होते हैं। इसलिये रात में खून के नमूने की जांच कर संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जा सकता है। फाइलेरिया को हाथी पांव भी कहा जाता है। यह रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने से होता है। इसका वयस्क मच्छर छोटे-छोटे लार्वा को जन्म देता है, जिन्हें माइक्रो फाइलेरिया कहा जाता है। यह मनुष्य के रक्त में रात के समय सक्रिय होता है। इस कारण स्वास्थ्य टीम रात में ही पीड़ित का ब्लड सैंपल लेती है।
डीएमओ ने बताया कि नाइट सर्वे में लिए गए रक्त के नमूने की जांच में ये पता किया जाता है कि मरीज के रक्त में परजीवी की संख्या कितनी है। जांच रिपोर्ट में पुष्टि होने के बाद मरीज का उपचार शुरू कर दिया जाता है। मरीज की 12 दिन की दवा चलती है जो इस बीमारी के परजीवी को मार देती है।
डीएमओ ने बताया कि सुबह व शाम फाइलेरिया प्रभावित मरीजों को शरीर के प्रभावित अंग को सामान्य पानी से साबुन लगाकर नियमित साफ-सफाई करनी चाहिए। साथ ही साथ चिकित्सक द्वारा बताए गए व्यायाम विधि को अपनाने से सूजन नहीं बढ़ता। लगातार व्यायाम करने से सामान्य जीवन व्यतीत करने में सहायता मिलती है।
डीएमओ ने बताया कि जिले में कुल सात ब्लॉक हैं l हर ब्लाक में दो क्षेत्रों में रक्त के नमूने लिए जाएंगे। एक ऐसा क्षेत्र जहां पूर्व में अधिक फाइलेरिया के रोगी मिले हों एवं एक रैंडम साइट में नाइट ब्लड सर्वे सभी आयु वर्ग के लोगों का किया जायेगा l
डीएमओ ने कहा कि फाइलेरिया के लक्षण प्रतीत होने पर जल्द पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सम्पर्क करें और इसके इलाज में लापरवाही नहीं बरतें l हाइड्रोसील से ग्रसित मरीज भी फाइलेरिया के अंतर्गत आते हैं वह अपना ऑपरेशन डॉ राम मनोहर लोहिया चिकित्सालय में माह के प्रत्येक गुरूवार को करा सकते हैं। इसके लिए एक दिन पहले ही अपनी सभी जांचे लोहिया अस्पताल में करा लें l साथ ही फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के दौरान मिलने वाली फाइलेरिया की दवा का सेवन जरूर करें l
साथ ही कहा कि दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं अत्यंत गंभीर रोग से ग्रसित लोगों को फाइलेरिया की दवा नहीं खानी है।
जिला फाइलेरिया निरीक्षक योगेश यादव ने बताया कि इस समय लगभग 1013 लोग फाइलेरिया से ग्रसित हैं |
साथ ही बताया कि 2022 में 2833 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए जिसमें से 7 लोग फाइलेरिया से ग्रस्त निकले तो वहीं 2023 में अब तक 962 लोगों के रक्त के नमूने लिए जा चुके हैं जिसमें से 1व्यक्ति फाइलेरिया से ग्रस्त निकला जिसका इलाज शुरु कर दिया गया है l

फाइलेरिया के लक्षण

  1. एक या दोनों हाथ व पैरों में (ज़्यादातर पैरों में) सूजन
  2. कॅपकॅपी के साथ बुखार आना
  3. पुरूषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसिल) होना
  4. पैरों व हाथों की लसिका वाहिकाएं लाल हो जाती हैं|

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