दस्तक अभियान के तहत लोगों को संचारी रोगों से बचाव की जानकारी दे रहीं हैं आशा कार्यकर्ता
30 अप्रैल तक चलेगा दस्तक अभियान
सहायक मलेरिया अधिकारी ने बनखड़िया में लोगों को संचारी रोगों के प्रति किया जागरूक
34 लार्वा स्रोत देखे
फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) टीबी, कुपोषण, मौसमी बीमारियों के मरीजों की तलाश के लिए आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने अभियान के तहत घर-घर दस्तक शुरू कर दी है। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में घरों के बाहर स्टीकर लगाकर लोगों को साफ सफाई के प्रति जागरूक किया जा रहा है। नागरिकों को अपने आसपास गंदे पानी को न एकत्रित होने देने की भी सलाह और विभिन्न बीमारियों से बचाव के बारे में तौर-तरीके बता रहीं हैं । यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा।
इसी क्रम में सहायक मलेरिया अधिकारी नरजीत कटियार ने बढ़पुर ब्लॉक के ग्राम बनखड़िया में लार्वा स्रोत देखे और लोगों को संचारी रोगों के बारे में जागरुक किया l
वेक्टर वॉर्न डिजीज के नोडल अधिकारी डॉ यू सी वर्मा ने बताया कि संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जिले में 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलने वाले संचारी रोग नियंत्रण अभियान के क्रम में 17 अप्रैल सोमवार से दस्तक अभियान की शुरुआत हो गई है जो 30 अप्रैल तक चलेगा l
उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि बुखार, खांसी, जुकाम आदि का लक्षण दिखाई देने पर तुरंत नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर विभाग को अवगत करायें । या अपनी आशा कार्यकर्ता को जानकारी दें साथ ही आशा के घर पर आने पर उसके द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्नों के सही जवाब दें जिससे विभाग को आपके स्वास्थ्य के बारे में सही जानकारी हो सके l
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ आर सी माथुर ने बताया कि इस अभियान में मुख्य जिम्मेदारी आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को सौंपी गई है। इस अभियान के अंतर्गत कुपोषित बच्चों तथा विभिन्न रोगों के लक्षणयुक्त व्यक्तियों का चिन्हीकरण कर सूचीबद्ध किया जा रहा है। मुख्य रूप से बुखार, इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस, टीबी व कुपोषित बच्चों पर ध्यान दिया जा रहा है। एक हफ्ते से ज्यादा बुखार या खांसी वाले लोगों तथा कुपोषित बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुपोषित बच्चों की सूची बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को सौंपी जाएगी। इसके माध्यम से बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्र में रेफर किया जाएगा। इसी तरह टीबी के मरीजों की सूची क्षय रोग विभाग को भेजी जाएगी।
सहायक मलेरिया अधिकारी ने बताया कि अच्छी सेहत कई छोटी-छोटी बातों और आदतों पर निर्भर करती हैI इसी के तहत एक छोटे से मच्छर के काटने से आपको डेंगू और मलेरिया जैसी घातक बीमारियां हो सकती है डेंगू का मच्छर आम मच्छर से अलग होता है इसके शरीर पर काली एवं सफेद रंग की पट्टियाँ पायी जाती हैं इसलिए इसे टाइगर मच्छर के नाम से भी जाना जाता है, डेंगू रोग एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है ।
साथ ही कहा कि आज बन खड़िया में 34 लार्वा स्रोत देखे गए उसमें कहीं भी कुछ नहीं मिला l
नरजीत ने बताया कि 7अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक चले दस्तक अभियान के दौरान 692 रोगी बुखार के खोजे गए जिसमें से 681 लोगों की रक्त पट्टिका बनाई गई जिसमें से 7 मलेरिया रोगी निकले l
साथ ही इस दौरान 946 खांसी जुकाम के रोगी खोजे गए जिसमें से 869 लोगों की कोविड़ जांच की गई कोई भी कोविड़ से ग्रसित नहीं निकला इसी दौरान 135 लोग टीबी से ग्रसित और 85 बच्चे कुपोषित मिले l
मच्छरों से ऐसे करें बचाव
• अपने घर के आसपास किसी भी तरह का जलभराव न होने दें.| ध्यान रहे मच्छर गंदे और साफ पानी दोनों में पनप सकते हैं|
• घरों में खिड़की दरवाजे के रास्ते घुस जाते हैं| दरवाजे और खिड़कियों पर ऐसी जाली लगवाएं, जिससे हवा तो अन्दर आए, लेकिन मच्छर न घुस पायें|
• घरों की छतों पर रखी पानी की टंकी को ढककर रखें, ताकि मच्छर न पनप पायें|
• रात में सोने के लिए मच्छरदानी लगा लें| मच्छरों से बचने के लिए ये बेहद आसान, प्रचलित और बेहद सुरक्षित तरीका है|
• पूरी बांह के कपड़े पहनें|
• गाँव में जानवरों के बाड़ों को घर से दूर रखें| यहाँ काफी मच्छर पनप सकते हैं, इसलिए इसमें साफ-सफाई का बहुत ख्याल रखें|
• खराब टायर, कूलर आदि में पानी जमा होने न दें|
• संतुलित आहार ले और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल सब्जी लें l
इस दौरान मलेरिया निरीक्षक योगेश, विकाश दिवाकर , फाइलेरिया निरीक्षक दीपांशु यादव सहित अन्य लोग मौजूद रहे l