दिमागी बुखार समेत 12 प्रकार के संक्रामक रोगों की सर्विलांस पोर्टल पर दर्ज होंगी सूचनाए

फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल पर निजी व सरकारी अस्पतालों के साथ प्रयोगशालाओं से प्राप्त संक्रामक रोगियों की सूचना सीधे दर्ज की जाएगी। इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में सोमवार को चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों को यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल के बारे में प्रशिक्षित किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.अवनीन्द्र कुमार ने बताया कि कोरोना संक्रमण के दौरान यूपी कोविड- 19 ट्रैक पोर्टल विकसित किया गया था, जिस पर प्रयोगशालाओं के साथ अस्पतालों से रिपोर्टिंग की जाती थी। इससे रोगियों का प्रबंधन व उनका उपचार आसान हो गया था। अब सरकार द्वारा संक्रामक रोगों की निगरानी के लिए यूनिफाइड डिजीज सर्विलांस पोर्टल विकसित किया गया है।इस पर संक्रामक रोगियों की सूचना सीधे दर्ज की जाएगी।
उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आर सी माथुर ने बताया कि इस पोर्टल पर मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, हैजा, स्क्रब टाइफस, लेप्टोस्पायरोसिस, काला अजार, हेपेटाइटिस बी एवं सी, टाइफाइड, फाइलेरिया, दिमागी बुखार समेत बारह प्रकार के संक्रामक रोगों के विषय में सूचना दर्ज की जाएगी। इससे सूचनाओं के आदान- प्रदान की प्रक्रिया भी पेपरलेस हो जाएगी। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने चिकित्सक व इससे जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए है।
जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ. रणधीर सिंह ने चिकित्सक एवं लैब संचालको को प्रशिक्षण देते हुए बताया कि भारत सरकार ने मरीजों का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से संरक्षित करने का निर्णय लिया है, इससे मरीजों का उपचार आसान होगा,साथ ही चिकित्सक के लिए भी पूर्व की जानकारी मिलना आसान हो जाएगी। इस कार्य की शुरुआत में चिकित्सक एवं पैथालॉजी संचालक को कठिनाई आएगी लेकिन कुल मिलाकर स्वास्थ्य के नजरिये से यह फायदेमंद है।
सुघर सिंह हॉस्पिटल से डॉ रविन्द्र यादव ने बताया कि मरीजों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होने से कोविड की जाँच की तरह संकलित किए जाने वाले डेटा को भी सुरक्षित रखा जा सकेगा। हम सभी बताए कार्य को करेंगे ताकि सरकार की मंशा अनुरूप तेजी से कार्य हो सके।उन्होंने सभी से आभा आईडी बनवाने की अपील की
यह हैं फायदे
डॉ रणधीर ने बताया कि सूचनाओं के आदान- प्रदान की प्रक्रिया पेपरलेस हो जाएगी। इस पोर्टल के सक्रिय होने से चिकित्सा इकाईयों एवं प्रयोगशालाओं से इलेक्ट्रोनिक हेल्थ रिकॉर्ड जेनरेट हो सकेगा। लोगों को क्यू आर कोड युक्त लैब रिपोर्ट घर बैठे प्राप्त हो सकेगी, साथ ही बीमारियों कारियल टाइम डेटा देखा जा सकेगा। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार आएगा।
इस मौके पर टीएसयू से डॉ कृति निगम, रिजवान अली सहित निजी चिकित्सक , पैथालॉजी संचालक आदि उपस्थित रहे।

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