लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि 25 जून 1975 की काली यादें आज भी सिहरन पैदा कर देती हैं। आपातकाल में नागरिक अधिकार छीन लिए गए थे। वहीं, आज के हालात इमरजेंसी से ज्यादा खराब हैं। आज सच बोलने पर कार्रवाई होती है। सरकार से सवाल पूछने पर कार्रवाई होती है। भाजपा सरकार में कोई न्याय की उम्मीद नहीं कर सकता है। लोगों के संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों को छीना जा रहा है। संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। प्रेस की आजादी खतरे में है।
अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत को बचाने और संविधान व लोकतंत्र की रक्षा के लिए समाजवादी शुरू से ही प्रतिबद्ध रहे हैं। आपातकाल में जिन लोगों ने लोकतंत्र को बचाने के लिए संघर्ष किया था, समाजवादी सरकार में उन लोकतंत्र सेनानियों को 15 हजार रुपये की सम्मान राशि, चिकित्सा, परिवहन की सुविधा के अलावा राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार की भी व्यवस्था की गई थी। अखिलेश यादव ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर ने जो संविधान दिया है, वही हमारे लिए समान आचार संहिता है। भाजपा के लोग नफरत फैलाते हैं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव रविवार को मुमताज कॉलेज, डालीगंज, लखनऊ के मौलाना अली मियां नदवी हाल में पूर्व अपर महाधिवक्ता मरहूम जफरयाब जिलानी की याद में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल हुए। उन्होंने मरहूम जफरयाब जिलानी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। अखिलेश ने कहा कि जफरयाब जिलानी का कद बहुत बड़ा था। सभी के दुख-दर्द में साथ देते थे। इस अवसर पर ऐशबाग ईदगाह के इमाम खालिद रशीद फरंगी महली, डॉ. यासीन अली उस्मानी, पूर्व न्यायाधीश हैदर अब्बास, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चैधरी मौजूद रहे।
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