नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) पीएम मोदी चार दिन के अमेरिकी दौरा पूरा कर मिस्र पहुंचे। अमेरिका में पीएम मोदी से देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर सवाल किया गया। धार्मिक स्वतंत्रत और भारत के लोकतंत्र पर सवाल हुआ। सवाल और भी होते, वो इसलिए नहीं पाए क्योंकि दो से ज्यादा सवाल करने की इजाजत नहीं थी और अमेरिकी पत्रकार के लिए ये संख्या एक ही थी। इन सवालों से साफ था कि मुसलमानों में पीएम मोदी की क्या छवि है? दरअसल मोदी राज में हिंदूवादी संगठनों ने कई बार अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया है और ये घटनाएं अभी तक रूकी नहीं हैं। जिस कारण से पीएम मोदी सवालों में घिरे रहते हैं और इसे सुधारने के लिए ही पीएम मोदी जब मिस्र पहुंचे तो काहिरा में मौजूद एक हजार साल पुरानी ऐतिहासिक अल-हाकिम मस्जिद भी पहुंच गए। इस मस्जिद का कनेक्शन भारत से भी जुड़ता है क्योंकि इसकी मरम्मत का काम भारत में रहने वाले दाउदी वोहरा समुदाय के लोगों की मदद से पूरा हुआ है। दाउदी वोहरा समुदाय की बड़ी आबादी गुजरात में रहती हैं। इसके साथ ही पीएम मोदी के इस दौरे को लोकसभा चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है क्योंकि पीएम मोदी भारत में भले ही मस्जिद नहीं जाते हों लेकिन विदेश में वो लागातार मस्जिद जा रहे हैं। अब तक वो पांच बार मस्जिद जा चुके हैं। जब चुनाव करीब हो और पीएम मोदी मुस्लिम देशों के दौरे पर हो तो मस्जिद जरूर जाते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में पीएम तीन बार मस्जिद गए थे और जब चुनाव का ऐलान होने में 250 दिन भी नहीं बचे हैं तो पीएम मोदी एक बार फिर मस्जिद पहुंच गए।
पीएम अब तक इन मस्जिदों में
अगस्त 2015 शेख जायद मस्जिद, यूएई
फरवरी 2018 सुल्तान कबूस मस्जिद, ओमान
मई 2018 इस्तिकलाल मस्जिद, इंडोनेशिया
जून 2018 चूलिया मस्जिद, सिंगापुर
जून 2023 अल-हाकिम मस्जिद,
पीएम मोदी मिस्र जा चुके हैं और चुनावों से पहले अगर उनकी किसी मुस्लिम देश की यात्रा होती हैं तो शायद ये संख्या और बढ़ सकती हैं। इसके पीछे वोटों का गणित भी माना जा रहा है। देश में 65 लोकसभा सीटों पर मुस्लिम निर्णायक हैं और मुसलमानों का कुछ वोट मिल जाए तो बीजेपी की नैया पार हो सकती हैं?
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