कन्नौज : विधिक सेवा प्राधिकरण और महिला आयोग ने संयुक्त रूप से महिलाओ को किया जागरूक

तिर्वा शिविर में दी गयी कई महिला सम्मान समर्थक कानूनों की जानकारी

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राष्ट्रीय महिला आयोग के संयुक्त तत्वधान में 12 से 31 जुलाई तक महिलाओं के हित संरक्षण कानून विषयों पर आयोजित किये जाने वाले विधिक कार्यक्रमों के राहत राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में आज एस०पी० महिला महाविद्यालय तिर्वाखास तहसील तिर्वा में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का भव्य आयोजन अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश / पूर्णकालिक सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण लवली जायसवाल की अध्यक्षता में किया गया। शिविर में घरेलू महिलाओं कामगार महिलाओं 15 वर्ष से अधिक उम्र की बालिकाओं द्वारा प्रतिभाग किया गया।

सचिव श्रीमती जायसवाल द्वारा शिविर में उपस्थित महिलाओं एवं बालिकाओं को बताया गया कि बताया कि महिलाये, माता बहने परिवार की अग्रणी सदस्य है उनको बिना परिवार अधूरा है उनका सम्मान करना अनिवार्य है। महिलाओ के लिये संवैधानिक तौर पर कानून बनाये गये है, महिलाओं को समान कार्य का समान वेतन, कार्यस्थल पर यौन उत्पीडन निरोधी कानून, महिला उत्पीडन, भरण पोषण महिलाओं की मदद के लिये महिला थाना, महिला हेल्पडेस्क, महिला हेल्प लाईन इत्यादि और महिलाओं को रात में गिरफ्तार न करने का कानून बनाये गये है। साथ ही महिलाओं की मदद के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तत्पर है प्राधिकरण में एक सादे कागज पर अपनी समस्या को लिखित तौर पर प्रस्तुत कर त्वरित कार्यवाही करते हुये विधिक सहायता प्रदान की जाती है. उपस्थित सभी महिलाओं को संरक्षण कानूनी सहायता से संबंधित पम्प्लेट किट उपलब्ध कराई जा रही है कृपया उसका अनुसरण करे और लाभ उठाये साथ ही साथ बताया गया कि महिलाओं के कानूनी अधिकार के लिए महिला को ही सजग रहना होगा उन्होंने महिलाओं के कानूनी अधिकार जैसे कामकाजी महिलाओं का मातृत्व सम्बंधी अधिकार, कार्यस्थल पर छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न से संरक्षण का अधिकार, पुरुषों के समान पारिश्रमिक का अधिकार पर विस्तार पूर्वक चर्चा की गयी। उनके द्वारा पाक्सो एक्ट 2013 एवं घरेलू हिंसा से सरक्षण अधिनियम 2005 की चर्चा करते हुये बताया कि भारतीय कानून के मुताबिक अगर किसी महिला के खिलाफ दफ्तर में या कार्यस्थल पर शारीरिक उत्पीड़न या यौन उत्पीड़न होता है तो उसे शिकायत दर्ज कराने का अधिकार है इस कानून के तह, पीडित महिला ब्रांच ऑफिस में इंटरनल कप्लेट कमेटी को लिखित शिकायत दे सकती है। कमेटी शिकायत प्राप्त होने के 90 दिन के भीतर अपनी जॉच पूरी करेगी और जाँच पूरी करने के 10 के भीतर अपनी रिपार्ट विभागाध्यक्ष को प्रेषित करेगी।

शिविर में पुलिस प्रशासन की तरफ से मौजूद शिव प्रताप, क्षेत्राधिकारी तिर्वा द्वारा शिविर में उपस्थित महिलाओं एवं बालिकाओं को नारी सुरक्षा, नारी सम्मान नारी स्वावलंबन के तहत महिला सुरक्षा व बचाव संबंधी जानकारी दी थी तथा शासन द्वारा जारी हेल्प लाइन नम्बर जैसे 1090 वूमेन पावर लाइन 181 महिला हेल्प साइन 1076 मुख्यमंत्री हेल्प लाइन, 112 पुलिस हेल्प लाइन 1098 चाईल्ड लाइन आदि के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये सकट के समय इन नंबरों पर जानकारी देकर सहायता प्राप्त करने के लिये बताया गया तथा मोबाईल नम्बर और बातचीत को गोपनीय रखने के बारे में भी आश्वत किया।

आयोजित शिविर में मौजूद नवनीता रॉय तहसीलदार तिर्वा द्वारा महिलाओं को जागरुक करते हुये बताया गया।  महिलाओं के लिये सरकार की तरफ से चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं के विषय पर विस्तार से चर्चा की गयी तथा उनको अपने हक के सम्बन्ध में निडर होकर आवाज उठाने के लिये प्रेरित किया। डा० ज्योत्सना शुक्ला द्वारा सर्वाइकल कैंसर के सम्बन्ध में जानकारी देते हुये बताया गया कि सर्वाइकल मुख्य रूप से कम आयु में बालिकाओं का विवाह तथा शारीरिक संबंध स्थापित होने एवं महिलाओ में किसी भी प्रकार का यौन रोग सर्वाइकल कैंसर का कारण बन सकते हैं। अनियमित रक्त स्राव अथवा सफेद स्राव का होना इसके प्रारंभिक लक्षण हो सकते हैं। सर्वाइकल कैंसर का टीका एसपीवी 9 से 12 वर्ष की अवस्था में लग सकता है

डा० पी० त्रिपाठी, नोडल ऑफिस पीसीपीएनडी एक्ट एवं जिला क्षय अधिकारी द्वारा बताया गया कि कन्या हत्या एवं गिरते लिंग अनुपात को रोकने के लिए  उक्त अधिनिय बनाया गया है। प्रसव पूर्व लिंग जाँच करना एवं कराना जघन्य अपराध है जिसके लिये कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। गर्भ समापन हेतु एमटीपी एक्ट के अंतर्गत बताया गयाकि यदि गर्भ 20 सप्ताह से अधिक न हो और ऐसे गर्भ के बने रहने से गर्भवती स्त्री का जीवन जोखिम में हो अथवा पैदा होने वाला बच्चा शारीरिक या मानसिक असमानताओ पीडित हो तो ऐसा गर्भ पंजीकृत चिकित्सक द्वारा समाप्त किया जा सकेगा। शिव दोहरे, सहायक लीगल एड डिफेन्स काउन्सिल एवं मध्यस्थ अधिवक्ता अशोक कुमार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा शिविर में उपस्थित महिलाओं को पति अथवा रिश्तेदारों के खिलाफ घरेलू हिंसा से सुरक्षा का अधिकार एवं पॉक्सो अधिनियम 2012 पर विस्तार पूर्वक से बताया गया। साथ महिलायें। वैवाहिक विवाद के संदर्भ में मध्यस्थता के माध्यम से समाधान करा सकती है वहीं अलगाव की स्थिति में उन्हें गुजारा भताने का अधिकार प्राप्त है। उन्होंने बताया कि वैवाहिक विवादों के संदर्भ में प्री-लिटिगेशन के माध्यम से मध्यस्थता द्वारा वैवाहिक विवादों का समाधान कराया जा सकता है।

पराविधिक स्वयं सेवक द्वारा महिलाओं को जागरुकता करते हुये बताया गया नालसा, सालसा, के निर्देश पर जा रही योजनाओं के विषय पर तथा नालसा ऐप डाउनलोड कर ऐप के लाभ के बारे में बताया गया

शिविर में बसन्त राम, लिपिक जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कन्नौज, प्रियांशु प्रदीप पराविधिक स्वयं सेवक के साथ साथ विद्यालय के शिक्षकगण भी मौजूद रहे।

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