लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) बिहार की जातीय गणना रिपोर्ट सामने आने के बाद कांग्रेस दलित वोट बैंक को साधने में जुट गई है। बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर 9 अक्टूबर से कांग्रेस ने ‘दलित गौरव संवाद’ कार्यक्रम शुरू करने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की पकड़ का मजबूत कारण दलित वोट बैंक था। बसपा के गठन से कांग्रेस का दलित वोट बैंक खिसक गया। दलितों का वोट बसपा के पाले में जाने से कांग्रेस को सत्ता से बेदखल होना पड़ा। अन्य जातियों पर भी कांग्रेस की पकड़ कमजोर हुई।
आगामी 9 अक्टूबर को बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर प्रदेश भर में कांग्रेस समारोह आयोजित करेगी। कार्यक्रम में श्रद्धांजलि देने के साथ कांशीराम का संदेश पहुंचाया जाएगा। 9 अक्टूबर से शुरू हो रहे दलित गौरव संवाद कार्यक्रम का समापन संविधान दिवस यानी 26 नवंबर को होगा।
18 मंडल मुख्यालयों पर दलित गौरव यात्रा निकाली जाएगी। दलित संवाद अभियान के दौरान डॉक्टरों, इंजीनियरों, शिक्षकों समेत अन्य बुद्धजीवियों को जोड़ा जाएगा। हर विधानसभा क्षेत्र की दलित बस्तियों में 10 रात्रि चौपाल लगाए जाएंगे। चौपाल में दलित अधिकार पत्र और ढाई सौ मोबाइल नंबर जुटाए जाएंगे। हर लोकसभा क्षेत्र में दलित एजेंडा पर सामूहिक चर्चा कर कोर ग्रुप का गठन किया जाएगा। राज्य स्तरीय लीडरशिप कार्यक्रम के तहत 80 दलितों को चयनित किया जाएगा। दलित कंट्रोल रूम का भी गठन किया जाएगा।
अजय राय ने कहा कि दलितों का साथ मिलने से कांग्रेस केंद्र और यूपी में बीजेपी की सत्ता को उखाड़ फेंकेगी। उन्होंने कहा कि दलित गौरव संवाद के जरिए समझाया जाएगा कि कांग्रेस दलितों का पुराना घर है। दलितों की सियासी हिस्सेदारी के लिए कांग्रेस हमेशा तैयार रही है। अजय राय 9 अक्टूबर को बाराबंकी के कार्यक्रम में शामिल होंगे। आने वाले दिनों में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी दलित गौरव यात्रा का हिस्सा बनेंगे। अजय राय ने बताया कि दलित गौरव संवाद कार्यक्रम की थीम ‘संविधान के वास्ते, संविधान के रास्ते’ रखी गई है।
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