बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) बीएसए कार्यालय के लिपिक विमल पांडेय को पकड़ने में एंटी करप्शन टीम के साथ आए दो सरकारी गवाह भी मुकर गए हैं। एंटी करप्शन की अपर पुलिस अधीक्षक इंदुप्रभा सिंह ने जब चकबंदी विभाग के कनिष्ठ सहायक श्रीकांत यादव और सारणीयक मनीष कुमार से पूछा तो दोनों ने साफ मना कर दिया कि उन्होंने लिपिक को रूपए लेते हुए नहीं देखा था।
दूसरे दिन भी एएसपी ने बीएसए कार्यालय में कर्मचारियों से पूछताछ की। उन्होंने डीवीआर ले जाने वाले शिक्षकों की पहचान करने के निर्देश दिए, जिस पर एंटी करप्शन के निरीक्षक मृत्युंजय मिश्रा ने बीएसए कार्यालय के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। इस दौरान कार्यालय पर बीएसए उपासना रानी वर्मा भी मौजूद थीं।
उधर दूसरी ओर घूस लेने के आरोप में गिरफ्तार किए गए वरिष्ठ लिपिक के पक्ष में सपाइयों ने मंगलवार को कलक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। एंटी करप्शन टीम की कार्यवाही को गलत बताते हुए क्लर्क को रिहा करने की मांग करते हुए डीएम को ज्ञापन सौंपा। सपा नेता ने सत्ता पक्ष के नेताओं पर गिरफ्तारी कराने के आरोप लगाए हैं।
बीएसए दफ्तर के बाबू विमल पांडेय के बचाव में समाजवादी पार्टी के पूर्व ब्लाक प्रमुख नवाब सिंह यादव की अगुवाई में पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट पहुंच कर प्रदर्शन किया। यहां सपा नेता नवाब सिंह यादव ने कहाकि बीएसए कार्यालय के लिपिक विमल पांडेय अच्छे व्यक्ति हैं। उन्हें सत्ता पक्ष के नेताओं के इशारे पर गलत तरीके से रिश्वतखोरी के मामले में फंसाया गया है। बीएसए दफ्तर में लगे सीसीटीवी फुटेज में क्लर्क को जबरदस्ती पैसे पकड़ाते हुए और उनके साथ मारपीट करने का मामला उजागर हुआ है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहाकि जो व्यक्ति सत्ता पक्ष के नेताओं के अनुसार काम नहीं करता, उसको जांच एजेंसियों के द्वारा फर्जी तरीके से पकड़वा कर जेल भेजने का काम किया जाता है। इसी तरह ईडी और सीबीआई का दुरूपयोग भी भाजपा सरकार में किया जाता है।
यहां सपा नेता नवाब सिंह यादव के अलावा राकेश तिवारी एडवोकेट, संजय दुबे, अनुराग अवस्थी, सुरेंद्र कुशवाहा, धर्मवीर पाल, विश्वनाथ कुशवाहा, सरस मिश्रा, राजपाल आदि लोगों ने जिलाधिकारी सुभ्रान्त कुमार शुक्ला को ज्ञापन सौंपा और क्लर्क विमल पांडेय की रिहाई की मांग की।