नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल मामले की आज फिर एक बार सुनवाई की। सुनवाई करने वाले पांच जजों की संविधान पीठ में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिसरा शामिल रहें। शीर्ष अदालत ने एसबीआई को सारी जानकारी देने को कहा। इसमें बॉन्ड नंबर्स की भी बात थी। इन जानकारियों का खुलासा करने में एसबीआई सिलेक्टिव ना रहे। हमारे आदेशों का इंतजार ना करें।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमें उम्मीद है कि एसबीआई कोर्ट के साथ ईमानदार रहेगा। आपके पास इलेक्टोरल बॉन्ड की जो भी जानकारी हो, उसे सामने लाइए। एसबीआई चाहती है कि हम उसे बताएं कि किन जानकारियों का खुलासा करना है और वो जानकारी दे देंगे। एसबीआई के रवैये से तो यही लग रहा है। ये उचित नहीं है।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने पूछा है कि भारतीय स्टेट बैंक ने पूरी जानकारी क्यों नहीं दी? फैसले में स्पष्ट था कि सभी विवरणों का खुलासा किया जाना चाहिए। कुछ भी चयनात्मक न हो। कोर्ट के आदेशों पर निर्भर न रहें। एसबीआई ने पूरी जानकारी क्यों नहीं बताई? कोर्ट ने आगे कहा कि प्रत्येक कल्पनीय विवरण का खुलासा किया जाना चाहिए। एसबीआई चीफ अदालत के फैसले का पालन करने के लिए बाध्य हैं।
आपको बता दें कि बेंच ने 11 मार्च के फैसले में एसबीआई को बॉन्ड की पूरी डिटेल, खरीदी की तारीख, खरीदार का नाम, कैटेगरी की जानकारी देने का निर्देश दिया था। हालांकि, एसबीआई ने सिर्फ बॉन्ड खरीदने वालों और कैश कराने वालों की जानकारी दी थी। डेटा में इस बात का खुलासा नहीं किया गया था कि किस डोनर ने किस राजनीतिक पार्टी को कितना चंदा दिया।
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