नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो)। केंद्र सरकार ने जाति जनगणना और राष्ट्रीय जनगणना को एक साथ कराने का फैसला किया है, जिसके बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला तेज हो गया है। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस जाति जनगणना को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है और आरक्षण के खिलाफ है। वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा और आरएसएस पर पलटवार किया है।
कांग्रेस अध्यक्ष का आरएसएस पर आरोप
मल्लिकार्जुन खरगे ने आरएसएस पर आरोप लगाया कि वे जन्म से ही आरक्षण के खिलाफ रहे हैं। उन्होंने कहा, “जब आरएसएस और जनसंघ के लोग आरक्षण के खिलाफ हैं, तो वे कांग्रेस को इसके खिलाफ बताने का क्या अधिकार रखते हैं?” खरगे ने यह भी कहा कि भाजपा भ्रम फैलाने का काम कर रही है और उनके जो भी वादे किए गए हैं, उन्हें पूरा करना चाहिए। खरगे ने आगे कहा, “कांग्रेस ने पहले भी जाति जनगणना की मांग की थी और हम इसे पूरा होने पर खुश हैं। राहुल गांधी ने इस मुद्दे की अगुवाई की और हम इसे हासिल करने में सफल हुए हैं।”
जाति जनगणना को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस
कर्नाटक के बेंगलुरु में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान खरगे ने स्पष्ट किया कि उन्हें नहीं लगता कि बिहार चुनाव को ध्यान में रखते हुए जाति जनगणना का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा, “देश और लोगों की भलाई सबसे महत्वपूर्ण है, हम चुनावी राजनीति में नहीं पड़ना चाहते।”
कांग्रेस का पत्र : जाति जनगणना की मांग
2023 में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को एक पत्र लिखा था, जिसमें राष्ट्रीय जनगणना के साथ-साथ जाति जनगणना को भी शामिल करने की मांग की गई थी। पत्र में कहा गया था, “2021 की जनगणना समय पर नहीं कराई गई, और हम चाहते हैं कि जाति जनगणना को इसमें शामिल किया जाए।”
केंद्र सरकार का फैसला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने राष्ट्रीय जनगणना और जाति जनगणना एक साथ कराने का निर्णय लिया है। हालांकि, अभी तक किसी भी तारीख की घोषणा नहीं की गई है।
