बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो) सपा मुखिया अखिलेश यादव ने बीजेपी पर यहाँ कई बार हमला किया। बोले- यह दुनिया के नहीं बल्कि ब्रह्माण्ड के सबसे झूठे लोग हैं, दस साल के झूठ आप गिन भी नहीं पाओगे, इसलिए इनसे सावधान रहना, यह कभी भी कोई भी अफवाह फैलाने में पीछे नहीं रहेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल दागा कि उनकी सरकार में शुरु की गई एंबुलेंस सेवा और 100 नंबर वाली पुलिस की गाड़ी कहाँ है, आज पुलिस की उस गाड़ी का हाल क्या कर दिया, यह हर कोई जानता, रेट खुल गए गाड़ी का हाल नहीं बल्कि पुलिस का हाल भी बदतर हो गया, ऐसी वसूली कभी देखी नहीं।
जीरो टॉलरेंस का मखौल बनाते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि अंग्रेजी में इसलिए बताते ताकि गरीब की समझ में ही न आए, डबल मर्डर जैसी घटनाएं और जेल में जहर दिया जा रहा, ऐसे में कहाँ है जीरो टॉलरेंस। वे बोले- बीजेपी के लोग दंगा कराते हैं। तालग्राम की घटना की याद दिलाते हुए बोले किसकी साजिश थी किसे फसाने के लिए थी और बाद में सच क्या निकला?
सांसद की करतूतों के लिए जाना जा रहा कन्नौज
अखिलेश यादव ने कहा कि कन्नौज अपनी सुगन्ध के लिए देश, दुनिया में जाना जाता रहा, आज सुगन्ध के लिए नहीं सांसद की करतूतों के लिए जाना जा रहा। यहाँ के सासंद सात बजे के साथ पता नहीं कौन सी मौज में चले जाते, पुलिस को कूटा तभी पुलिस ने भी इस चुनाव में डंडे पर तेल लगाकर रखा है। लोग सब जानते हैं कि केस से बचने के लिए सांसद अकेले में माफीनामा दे आए। सामने कुछ और पीछे कुछ हैं। लेकिन अबकी समाजवादी तुक्का नहीं लगने देंगे।
विकसित भारत योजना प्रधानों ने चलाई
पूर्व सीएम ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इनकी विकसित भारत योजना प्रधानों से वसूली करा कर चलाई गयी। जिसने नहीं दिया, उससे वसूली की गई। प्रधान जानते हैं कि विकसित भारत यात्रा ने बीजेपी वालों की दुनिया भर में थू-थू कराई। कहा कि हर प्रधान से इस योजना में 20 से 30 हजार रुपये की वसूली हुई।
पूर्व सीएम ने बीजेपी को इतना ही नहीं घेरा, कहा कि झारखण्ड के मुख्यमंत्री और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीबाल को जेल भेज दिया। यह इनकी घबराहट है, आज सोशल मीडिया पर आठ हजार करोड़ की चंदा वसूली दिखती है लेकिन चैनल नहीं दिखाते, सब जानते हैं कि चैनल वाले जिसका दाना खाते उसी का गाना भी गाते हैं।
उन्होंने आरोप लगाए कि ईडी और इनकम टैक्स के जरिए भाजपा पैसा वसूली कर रही है। चंद लोगों को मुनाफा वसूलवा रहे तभी मंहगाई का सामना करना पड़ रहा, डरा, धमकाकर पैसा वसूली कर व्यवस्था को खत्म किया जा रहा है और जनता को दूसरे मुद्दों पर उलझाकर ध्यान भटकाने की कोशिशें लगातार जारी है।