चाचा शिवपाल ने शेयर कर दिया आशीर्वाद बोले विजयी भव: सर्वदा
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। (आवाज न्यूज ब्यूरो) सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कन्नौज से आज नामांकन दाखिल कर दिया। वह दोपहर 12 बजे कलेक्ट्रेट पहुंचे। उनके साथ चाचा रामगोपाल भी थे। कलेक्ट्रेट में भारी संख्या में समर्थकों ने फूल बरसाकर सपा प्रमुख का स्वागत किया। ढोल-नगाड़े बजाए। अखिलेश के भतीजे तेज प्रताप नामांकन में शामिल नहीं हुए।
नामांकन के बाद अखिलेश ने कहा- चुनावी रुझानों को देखकर भाजपा नेताओं की भाषा बदल गई है। भाजपा के लोग टैक्स के नाम पर पैसा वसूल रहे हैं। देर से नाम घोषित करने और फिर अचानक खुद उतरने के सवाल पर उन्होंने कहा-हथौड़ा तब मारना चाहिए, जब लोहा गर्म हो और हमने वही काम किया।
नामांकन से पहले अखिलेश ने कन्नौज से नामांकन की 24 साल पुरानी तस्वीर शेयर की। लिखा- फिर इतिहास दोहराया जाएगा, अब नया भविष्य बनाया जाएगा। इस पोस्ट पर शिवपाल ने लिखा-विजई भवः सर्वदा।
अखिलेश ने कन्नौज सीट पर पहले भतीजे तेज प्रताप को टिकट दिया था। स्थानीय नेताओं के विरोध को देखते हुए उन्होंने फिर खुद ही चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया। अखिलेश कन्नौज सीट से चौथी बार चुनाव लड़ने के लिए उतरे हैं। 2000 में कन्नौज सीट पर हुए उपचुनाव में पहली अखिलेश ने पहला चुनाव लड़ा था। 2004, 2009 में भी उन्होंने जीत दर्ज की। 2012 में सीएम बनने के लिए उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। फिर यहां हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने जीत दर्ज की थी। कन्नौज सीट से मुलायम, अखिलेश और डिंपल चुनाव लड़ चुके हैं।
रुझान देखकर भाजपा के नेताओं की भाषा बदली
अखिलेश ने कहा-चुनाव रुझानों को देखकर भाजपा नेताओ की भाषा बदल गई। कन्नौज की क्रांति आएगी। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान-पाकिस्तान की बातें करने वाले लोग बेरोजगारों की बात नहीं कर रहे। पेपर लीक करवा रहे हैं ताकि नौकरी न देनी पड़े।
भाजपा के लोग टैक्स के नाम पर पैसा वसूल रहे हैं। जीएसटी देने वालों को जीएसटी चोरी करना इन लोगों ने सिखाया। देर से नाम घोषित करने के सवाल पर बोले कि हथौड़ा तब मारना चाहिए, जब लोहा गर्म हो और हमने वही काम किया है।
अखिलेश ने कहा-मैं अभी नामांकन करके आ रहा हूं। पार्टी, नेता, कार्यकर्ता, और सभी की भावनाएं यह थी कि मुझे यहां से चुनाव लड़ना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि मुझे यहां से आशीर्वाद मिलेगा। मैं कन्नौज के विकास के लिए काम करूंगा। यहां का व्यापारी जिस सड़क पर चलता है, वो समाजवादी पार्टी की देन है।
अखिलेश ने कहा-पांडु नदी, काली नदी और ईशन नदी पर समाजवादियों ने पुल बनाने का काम किया था। हमने रसूलाबाद में हवाई पट्टी बनवाई थी। जिस ओर महज एक बार हवाई जहाज उतारा गया भाजपा की ओर से। गंगा पार हमने रनवे बनवाया था सुरक्षा के लिहाज से। उस पर भी भाजपा ने कोई काम नहीं किया।
अब भी कन्नौज सपा का गढ़ है
रामगोपाल यादव ने कन्नौज से भाजपा प्रत्याशी सुब्रत पाठक के बयान पर कहा-अब भी कन्नौज सपा का गढ़ है, जो जीत गया वह उसकी पहली और आखिरी जीत थी। उनके (सुब्रत पाठक) दिमाग में फितूर हो गया है।
सुब्रत पाठक ने कहा था कि सपा सांप्रदायिकता, जातिवाद और परिवारवाद की पाठशाला से निकली है।
शिवपाल ने भतीजे को जीत का आशीर्वाद दिया
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के नामांकन से पहले अखिलेश ने सोशल मीडिया पर 24 साल पहले किये गए कन्नौज से अपने नामांकन की फोटो एक्स पर शेयर करते हुए लिखा – फिर इतिहास दोहराया जाएगा। अब नया भविष्य बनाया जाएगा। इसके बाद चाचा शिवपाल ने भतीजे अखिलेश की पोस्ट को शेयर कर लिखा- विजय भवः सर्वदा।
सपा ने 7 सेट में खरीदा था नामांकन पत्र
कन्नौज के लिए मंगलवार को सपा के 4 कार्यकर्ताओं ने 7 सेट में नामांकन पत्र खरीदा था। सूत्रों ने बताया कि इसमें अखिलेश यादव के नाम का भी पर्चा था।
सामान्य तौर पर एक प्रत्याशी 4 सेट में ही नामांकन पत्र खरीदता है। ऐसे में वहां से 7 सेट खरीदने के बाद अखिलेश के चुनाव लड़ने की चर्चा शुरू हो गई थी।
मंगलवार देर रात अखिलेश ने लखनऊ में कन्नौज के लोकल नेताओं की एक मीटिंग बुलाई। इसमें तेज प्रताप को लेकर फीडबैक लिया। सामने आया कि तेज प्रताप को लोकल नेताओं का सपोर्ट नहीं मिल रहा है। ऐसे में परिवार की इस सीट पर पेंच फंस सकता है। अखिलेश ने इसके बाद खुद वहां से उतरने का फैसला किया।