कन्नौज : देश प्रदेश के लिए मोदी योगी किन्तु कन्नौज के लिए अखिलेश जरूरी

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज।(आवाज न्यूज ब्यूरो)   प्रदेश की हाई प्रोफाइल लोकसभा सीट कन्नौज का जायजा लेने की कोशिश की गई। यहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव प्रत्याशी हैं। बीजेपी की तरफ से मौजूदा सांसद सुब्रत पाठक मैदान में हैं। दोनों ही नेता अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। दोनों नेताओं को लेकर यहां की जनता क्या सोचती है वह जानने हम यहां के अलग-अलग हिस्सों में गए।

हमने युवाओं से बात की। बुजुर्गों को सुना। कन्नौज के लोकल मुद्दों से लेकर उन राष्ट्रीय मुद्दों को भी समझा जो यहां निर्णायक साबित होंगी। जनता ने क्या कहा आइए उन्हीं के शब्दों में जानते हैं…

देश के लिए योगी-मोदी लेकिन कन्नौज में अखिलेश ठीक

कन्नौज शहर में सुबह-सुबह टीम पहुंची तो हमारी मुलाकात भारत दुबे से हुई। भारत बीजेपी के कार्यकर्ता हैं। वह कहते हैं, देश में तो योगी-मोदी की लहर चल रही है। कन्नौज का समीकरण अलग है, यहां का मुकाबला 60-40 का हो गया है। अखिलेश जी के आने से वह लगातार बढ़ता जाएगा। हमने कहा कि आप बीजेपी कार्यकर्ता हैं, वह कहते हैं कि अखिलेश जी ने कन्नौज को घर जैसा स्नेह दिया। कभी चश्मा लगाकर राजनीति नहीं की। उन्होंने कन्नौज में इंजीनियरिंग कॉलेज, ब्रिज, सड़क सबकुछ दिया। इसलिए यहां लोग उन्हें ही वोट करेंगे।

दोनों धुरंधर इसलिए मुकाबला कड़ा

विनय से हमने रोजगार को लेकर सवाल किया। वह कहते हैं, युवाओं के लिए नौकरी ही सबसे बड़ा मुद्दा है। प्राइवेट सेक्टर में वर्कलोड है, शोषण अधिक है। मौजूदा बीजेपी सरकार ने इंफ्रस्ट्राक्चर पर ध्यान दिया। सरकारी संस्थानों का निजीकरण किया। इसका फायदा यह हुआ कि रेल समय पर चलने लगी। लेकिन गरीब जनता को नुकसान हुआ।

अग्निवीर को लेकर कहते हैं कि सेना नौकरी नहीं है, यह इमोशनल भर्ती है। ये देश के लिए है। 4 साल का कॉन्सेप्ट ठीक नहीं है। कोई युवा देश के लिए ज्वॉइन करेगा, ट्रेनिंग करेगा, 4 साल बाद जब वह टफ टाइम को निकालकर कंफर्ट जोन में पहुंचेगा तो कहा जाएगा कि अब आपकी सेवा खत्म हो रही। यह गलत है। बाकी यहां दोनों नेताओं में तगड़ी टक्कर है।

विनय की ही तरह उदित तिवारी कहते हैं कि नौकरी इस वक्त सबसे बड़ा मुद्दा है। बाकी रही योजनाओं की बात तो जिसे जरूरत है उसे नहीं मिल पा रहा, आवास योजना का लाभ उसे मिल रहा, जिसके पास पहले से है। सरकार को इस तरफ ध्यान देने की जरूरत है। रणवीर कहते हैं, देश के लिए योगी-मोदी तो जरूरी है लेकिन कन्नौज के लिए अखिलेश यादव जरूरी हैं।

 हमारी टीम शहर के अंदर पहुंची। वहां हमें रामनिवास गौतम मिले। हमने पूछा कि आपके समाज के लोग अबकी बार किसके साथ जा रहे। रामनिवास कहते हैं, बीजेपी-सपा व बसपा, तीनों ही पार्टियों में वोट जाएगा। जिसे कॉलोनी, गैस मिला वह बीजेपी के साथ जा सकती है। ये सब फैसला चुनाव से एक दिन पहले होगा।

राम प्रकाश कहते हैं, यहां से तो सपा ही जीतेगी अब। तेज प्रताप यादव को प्रत्याशी बनवाया गया तो कुछ गड़बड़ लगा। अब अखिलेश आ गए हैं तो जीत जाएंगे। सपा यहां की पार्टी है, यहां के पुराने लोग जुड़े हुए हैं, इसलिए यही जीतेंगे।

मोदी लहर है इसलिए यहां बीजेपी जीतेगी

चुनावी टीम फूलमती मंदिर के पास पहुंची। वहां हमें अविनाश गुप्ता मिले। वह कहते हैं कि यहां का मुकाबला रोमांचक होगा। कन्नौज की जनता विकास चाहती है, मोदी जी के साथ रहेगी। हमने कहा कि बेरोजगारी मुद्दा है? अविनाश कहते हैं, क्या ये जीत जाएंगे तो नौकरी दे देंगे? भाजपा जीतेगी और फिर नौकरी पर काम करेगी। पहले 400 पार पहुंचने तो दीजिए।

बेरोजगारी के चलते सुसाइड कर रहे युवा

कन्नौज शहर से करीब 15 किमी दूर हम तिर्वा पहुंचे। यहां हमें आकाश पाल मिले। युवाओं की बेरोजगारी पर बोलते हुए वह कहते हैं, इसी कन्नौज में एक पाल समाज के युवा ने बेरोजगारी से परेशान होकर सुसाइड लेटर लिखा और फिर दुनिया को छोड़ दिया। प्रधानमंत्री जी सुरक्षा की बात करते हैं लेकिन मणिपुर में जो हुआ उसपर नहीं बोलते।

आकाश कहते हैं कि मौजूदा सांसद ने कभी किसी को पीटा तो कभी किसी को गाली दी। बहुत सारे लोगों पर फर्जी मुकदमें लिखवाए। हम लोग क्षत्रिय समाज से आते हैं, छिबरामऊ में महाराणा प्रताप की मूर्ति लगाना चाहते थे लेकिन इन्होंने नहीं करने दिया। हम तो सिर्फ इतना कहेंगे- टूट गए फाटक, चले गए सुब्रत पाठक।

सलीम कहते हैं कि मुस्लिम समाज इस बार एकतरफा सपा को वोट कर रहा है। इसके अतिरिक्त यहां मौजूद कई और युवाओं ने बेरोजगारी, महंगाई पर अपनी बात रखी।

सपा मुखिया अखिलेश यादव का लोकसभा चुनाव में परफॉर्मेंस 100 प्रतिशत रहा है। खासकर कन्नौज सीट से अखिलेश यादव ने हर चुनाव में अपने विरोधियों को मात दी है। एक बार फिर अखिलेश कन्नौज से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। उनका यह कन्नौज से चौथी बार चुनाव है। अखिलेश के सामने बीजेपी से सुब्रत पाठक कैंडिडेट हैं जो 2019 में अखिलेश की पत्नी डिम्पल यादव को हराकर संसद पहुंचे थे। इस बार फिर से सुब्रत पाठक मैदान में हैं। हालांकि 2009 में सुब्रत पाठक अखिलेश से चुनाव हार चुके हैं। 2014 में डिम्पल बीजेपी उम्मीदवार सुब्रत पाठक को चुनाव में हरा चुकी है। इस तरह सुब्रत पाठक दो बार यादव परिवार से चुनाव हार चुके हैं और सिर्फ एक बार ही चुनाव जीते हैं। ऐसे में अगर सुब्रत पाठक डिम्पल के बाद अब अखिलेश से चुनाव जीत जाते हैं तो जीत और हार का हिसाब भी बराबर हो जाएगा।

अपने जनसम्पर्क अभियान में उमड़ी भीड़ देखकर गदगद हुए सपा मुखिया ने कहा कि इस बार सपा रिकॉर्ड मतों से चुनाव जीतने जा रही है। उधर बीजेपी उम्मीदवार सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव को बाहरी बताकर घर और गढ़ में लड़ाई की बात कही है। कन्नौज सीट से सपा और बीजेपी उम्मीदवारों के जीत के दावों पर स्थानीय पत्रकारो से बातचीत की। पत्रकारो की मानें तो कन्नौज सीट पर अब कोई कांटे की फाइट नहीं होने वाली है। सुब्रत पाठक ने भले ही 2019 में डिंपल यादव को चुनाव हार दिया था लेकिन इस बार अखिलेश के चुनाव लड़ने से कन्नौज सीट का चुनाव एकतरफा होता दिख रहा है।

सुब्रत पाठक ने अखिलेश यादव के कन्नौज से चुनाव लड़ने पर कहा कि 2019 में हमने उनकी पत्नी डिंपल यादव को चुनाव हरा दिया था। अखिलेश का गांव सैफई भी नजदीक ही है। बात वहां तक पहुंच गई। उन्होने समझाते हुए कहा कि देखिए, किसी भी परिवार में पत्नी को आगे बढ़ाया जाता है तो प्रतिष्ठा अधिक जुड़ती है। घर-परिवार में इसकी चर्चा होती है। पत्नी की हार से उन्हें काफी दुख हुआ होगा। चोट दिल पर लगी होगी। इसी कारण वे चुनावी मैदान में उतरे हैं। कोई और बात नहीं है। उन्होंने सोचा होगा, जब डिंपल ही हार गईं तो लड़ने वाला और कौन बचा है। सुब्रत पाठक ने समाजवादी पार्टी को सांप्रदायिक तुष्टीकरण और जाति विभाजन की राजनीति वाली पार्टी बताते हुए कहा कि आतंकी-माफियाओं के दम पर सत्ता को हासिल करने की कोशिश की। यह राजनीति अधिक दिनों तक नहीं चलती। उन्होंने कहा कि आज योगी यूपी में आ गए, गांव-गांव से माफियाओं को खत्म कर दिया। जब अपराधी ही नहीं रहेंगे तो समाजवादियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है।

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कन्नौज लोकसभा के प्रत्याशी अखिलेश यादव ने नामांकन के तीसरे दिन जब रसूलाबाद से लेकर उमर्दा तक रोड शो किया तो इसमें भारी जनसैलाब उमड़ा। भ्रमण के दौरान उन्होंने हर आम और खास से मिलकर आत्मीयता दिखाई तो वे गदगद हो गए। करीब पांच घंटे की देरी से वे उमर्दा पहुंचे। इस दौरान भाजपा सरकार पर तीखे प्रहार कर सांसद चुने जाने पर कन्नौज के विकास का भरोसा दिलाया।

लोकसभा चुनाव के लिए कन्नौज सीट से सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव प्रत्याशी हैं। लोकसभा क्षेत्र मे नामांकन के बाद पहली बार भ्रमण पर निकले अखिलेश ने उमर्दा में जनसभा कर आम लोगों से मुलाकात कर सपा का पक्ष मजबूत करने की अपील की।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने अपना काफिला गसीम पुर पुलिया, लिलुइया, बलनपुर, विधईपुर्वा, अहेर, चुनाव कार्यालय, गांधी चौराहा, क्रांति चौराहा, रोडवेज बस स्टाप, मुन्ना होटल, ठठिया चौराहा, मेडिकल कालेज समेत कई जगह रुककर कार्यकर्ताओं से भेंट की। रोडशो के दौरान उन्होंने कहा कि भाजपा की यह डबल इंजन की सरकार ने आम लोगों को रोजगार तक नही दे पाई।

भाजपा पर हमला बोला कि ये वही लोग हैं जिन्होंने पहले जुमला दिया अब दे रहे गारंटी की घण्टी। जनता इन संविधान बदलने वालों को समझ चुकी है। इस बार जनता इन्हें ही बदल देगी। भाजपा प्रत्याशी पर साधा निशाना कहा, कन्नौज हमारा घर इसलिए हमने इसे संवारा।

रोड शो के दौरान विधान सभा अध्यक्ष राघवेद्र उर्फ राजू राजपूत, आविद अली, अंशुल गुप्ता, कुक्कू चौहान, दिनेश बाथम, अगुरी दहाडिया, नसीम खान, राजू यादव, उदय राजपूत, ओमकार वर्मा, अवधेश यादव आदि मौजूद रहे।

सप्ताह में दूसरी बार अखिलेश आज फिर कन्नौज में थे। बाबा गौरी शंकर का आशीर्वाद लिया, फिर पुराने बुजुर्ग समाजवादियों से मिलने घर घर गए सबसे आत्मीयता से मिले, सबने आशीर्वाद दिया और खुद भी भरपूर तरीके से जुटने का वादा कर प्रचण्ड जीत का भरोसा दिलाया।

Check Also

आबकारी की संदिग्ध ग्राम-बाग लकूला में दबिश

फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) आबकारी आयुक्त, उ0प्र0 के आदेश एवं जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक फर्रूखाबाद …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *