पटाखों का धुआं सांस व हृदय रोगियों को पहुंचा सकता है नुकसान : डॉ मनोज पाण्डेय

आंख में पटाखे का कोई कण चला जाए तो रगड़ें नहीं –डॉ. सर्वेश यादव

अस्थमा के मरीज धूल और धुंए से रहें सतर्क : डॉ ऋषिनाथ गुप्ता

छोटे बच्चों को पटाखों से रखें दूर नहीं तो हो सकती है एलर्जी – डॉ. शिवाशीश उपाध्याय

फर्रुखाबाद|(आवाज न्यूज ब्यूरो) दशहरा के बाद से ही हवा में नरमी आ जाती है और हवा गर्मी की तुलना में अधिक प्रदूषित होने लगती है। ऐसे में ट्रिपल लेयर मास्क ट्रिपल सुरक्षा देता है। मास्क धूल, धुआं और कोविड संक्रमण से बचाता है। इसके साथ ही अगर कोरोना की पहली या दूसरी लहर में कोविड पाजिटिव रह चुके हैं तो इस दीपावली पर खास सावधानी बरतें | प्रदूषित हवा नुकसान पहुंचा सकती है। यह कहना है डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में तैनात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ मनोज पांडेय का |
डॉ पांडेय ने कहा कि हृदय रोगियों को पटाखे चलाते समय सावधानी बरतनी चाहिए | विशेषकर जिन्हें हाल ही में हार्ट अटैक आया हो क्योंकि पटाखों के फटने पर दिल की धड़कन तेज हो जाती है और धमनियां सिकुड़ती हैं| ऐसे में दिल के रोगियों को दिक्कत हो सकती हैं|
सिविल अस्पताल लिंजीगंज में तैनात मेडिकल आफीसर डॉ ऋषिनाथ गुप्ता बताते हैं कि दीवाली के दिन अस्थमा के मरीजों को बाहर निकलने से परहेज करना चाहिए | अगर बाहर जा भी रखें हैं तो अपना इन्हेलर साथ रखे| इस बात का भी ध्यान रखें कि धुएं के करीब न जाएं क्योंकि ऐसा करने से फेफड़ों को नुकसान पहुंचेगा और अस्थमा की समस्या काफी बढ़ जाएगी| दिवाली की रात और उसकी अगली सुबह भी बाहर न निकले क्योंकि इस दौरान प्रदूषण का स्तर काफी अधिक रहता है|
डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. शिवाशीश उपाध्याय ने बताया कि दीवाली के दिन छोटे बच्चों को पटाखों से दूर रखना चाहिए| क्योंकि पटाखों के धुएं से बच्चों की आंखों में परेशानी हो सकती है| इससे उनको गंभीर एलर्जी होने की भी आशंका रहती है|
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सर्वेश यादव ने बताया कि दीवाली पर पटाखों को जलाते समय काफी सतर्क रहना चाहिए| पटाखों से जलने के बाद शरीर पर टूथपेस्ट का प्रयोग नहीं करना चाहिए| जलने के स्थान पर पानी डालना चाहिए| अगर आंख में पटाखे का कोई कण चला जाए तो उसे रगड़ना नहीं चाहिए| जलने या आंख में कोई भी परेशानी होने पर तुरंत अस्पताल जाना चाहिए|

इन बातों का रखें ध्यान

कान में रुई लगाकर पटाखे जलाएं
आस-पास रेत की बाल्टी और पानी रखें
फुलझडी को खुले में न फेंके
छोटे बच्चे बड़ों की देखरेख में ही पटाखें जलाएं
बेहद नजदीक से या हाथ में पकड़कर पटाखों को न जलाएं.
पटाखा न जलने पर तुरंत उसके पास न जाएं. हो सकता है वह अचानक फट जाए.
पटाखों की आवाज से यदि कान सुन्न हो गया है तो तुरंत डॉक्टरों की सलाह लें
क्या करें
• मास्क लगाकर ही बाहर निकलें
• आवश्यक हो तभी बाहर निकलें
• इनहेलर साथ लेकर बाहर निकलें
• बंद कमरे में ज्यादा देर नहीं रहें
• प्राणायाम, डीप ब्रीदिंग अभ्यास करें
• खाने में मसाले का उपयोग कम करें
• समस्या होने पर स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें

इन लक्षणों पर लें परामर्श
• सांस तेज या सांस लेने में दिक्कत होने पर
• घबराहट या खांसी आधिक आने पर
• सीने में दर्द या थकान महसूस होने पर
• स्किन, होंठ या नाखूनों पर नीले रंग होने पर

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