नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने तीन आपराधिक कानूनों को लेकर गंभीर चिंता जताई है। इन्हें हड़बड़ी में पारित बताया और कहा कि इनके कार्यान्वयन को टाल दिया जाए।
मालूम हो कि ये तीनों कानून पहली जुलाई से लागू होने हैं। ममता ने कहा कि ऐसा करने से आपराधिक कानूनों की नए सिरे से संसदीय समीक्षा संभव होगी। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में तीनों कानूनों को लेकर गंभीर चिंता जताई। ये तीन नए कानून हैं,- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023। सीएम ममता ने कहा कि ये तीनों विधेयक लोकसभा में ऐसे समय में पारित हुए, जब 146 सांसद सदन से निलंबित थे। उन्होंने कहा कि आपकी पिछली सरकार ने इन तीन महत्त्वपूर्ण विधेयकों को एकतरफा और बिना किसी बहस के पारित कर दिया था। उस दिन लोकसभा के लगभग 100 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया था और दोनों सदनों के कुल 146 सांसदों को संसद से बाहर निकाल दिया गया था। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के उस काले दौर में विधेयकों को तानाशाहीपूर्ण तरीके से पारित किया गया। मामले की अब समीक्षा होनी चाहिए। मैं अब आपके कार्यालय से आग्रह करती हूं कि कम से कम कार्यान्वयन की तारीख को आगे बढ़ाने पर विचार करें। इसके दो कारण हैं- नैतिक और व्यावहारिक।
ममता बनर्जी ने कहा कि इन महत्त्वपूर्ण विधायी बदलावों पर नए सिरे से विचार-विमर्श होना चाहिए और जांच के लिए नव निर्वाचित संसद के समक्ष रखा जाना चाहिए। टीएमसी सुप्रीमो ने कहा कि जल्दबाजी में पारित किए गए नए कानूनों को लेकर सार्वजनिक रूप से व्यक्त की गई व्यापक आपत्तियों के मद्देनजर नए सिरे से संसदीय समीक्षा लोकतांत्रिक सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगी। यह तरीका नव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को प्रस्तावित कानून की गहन जांच करने का अवसर प्रदान करेगा।
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