‘‘जांच के लिए जल्द पहुंचेगा न्यायिक आयोग’’
लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति (एडवा) ने हाथरस हादसे में 121 मौतों पर गहरा दुख जताया। वहीं, हादसे की एफआईआर में बाबा का नाम न होने पर नाराजगी जताई है। एडवा की सीमा कटियार, सुमन सिंह, मधु गर्ग व वंदना राय ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि हाथरस हादसे में हुई मौतों के लिए प्रशासन की अव्यवस्था जिम्मेदार है। प्रशासन ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए उचित इंतजाम नहीं किए थे। भोले बाबा जैसे स्वयंभू बाबा जो भोले-भाले लोगों की भावनाओं व विश्वास से खेलते हैं, वो भी इन मौतों के लिए जिम्मेदार हैं। बाबा लगातार जनता में अंधविश्वास फैलाता रहा और धर्म की आड़ में भ्रमित करता रहा लेकिन सरकार ने नोटिस नहीं किया। हैरानी की बात है कि एफआईआर में बाबा का नाम नहीं है। उन्होंने सरकार से हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
हाथरस कांड की जांच के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की पहली बैठक बृहस्पतिवार को हुई, जिसमें जल्द हाथरस जाकर जांच शुरू करने का निर्णय लिया गया। डालीबाग स्थित नैमिषारण्य राज्य अतिथि गृह में हुई बैठक में आयोग के अध्यक्ष एवं इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति बृजेश कुमार श्रीवास्तव के अलावा सदस्य के रूप में नामित सेवानिवृत्त आईपीएस भवेश कुमार सिंह, आईजी कानून-व्यवस्था एलआर कुमार और प्रमुख सचिव संसदीय कार्य जेपी सिंह ने हिस्सा लिया।
बैठक संपन्न होने के बाद आयोग के अध्यक्ष ने बताया कि इस हादसे की जांच किस तरह शुरू करनी है, इस पर विस्तार से चर्चा की गयी। पहली बैठक में जरूरी औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद दो दिन के भीतर हाथरस जाकर जांच शुरू करने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि अभी आयोग को घटना से संबंधित दस्तावेज नहीं मिले हैं। आयोग दस्तावेज मिलने के बाद हाथरस जाकर स्थानीय अधिकारियों, मृतकों के परिजनों आदि का बयान दर्ज करेगा। आवश्यकता पड़ने पर मीडिया की मदद भी ली जाएगी। सूत्रों की मानें तो राज्य सरकार द्वारा आयोग को जल्द लखनऊ और हाथरस में कैंप कार्यालय, वाहन और अन्य संसाधन भी मुहैया कराया जाएगा।
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