लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी के हाथरस जिले में बीती 2 जुलाई को सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी। हादसे के एक सप्ताह के अंदर एसआईटी की 300 पन्नों की जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। मंगलवार को यह रिपोर्ट उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने पेश की गई। एसआईटी की रिपोर्ट में भोले बाबा के नाम का जिक्र तक नहीं है। आयोजकों और अफसरों को जिम्मेदार माना गया है। योगी सरकार ने अब इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सिकंदरामऊ के एसडीएम, सीओ और तहसीलदार सहित 6 लोगों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें चौकी इंचार्ज कचौरा और चौकी इंचार्ज पोरा भी शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ में सत्संग के दौरान हुई भगदड़ की घटना की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) ने अपनी रिपोर्ट में आयोजकों, अधिकारियों को दोषी ठहराया गया है जिसके आधार पर राज्य सरकार ने मंगलवार को संबंधित उप जिलाधिकारी (एसडीएम) और पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) समेत 6 लोगों को निलंबित कर दिया है। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गयी।
बयान में एसआईटी की जांच के तथ्यों को सार्वजनिक किया गया है, जिसके अनुसार जांच समिति ने भगदड़ में साजिश की आशंका से इनकार नहीं किया है और कार्यक्रम आयोजक तथा तहसील स्तरीय पुलिस तथा प्रशासन को भी दोषी पाया है। एसआईटी की संस्तुति पर एसडीएम, सीओ, तहसीलदार, निरीक्षक, चौकी प्रभारी को अपने दायित्व के निर्वहन में लापरवाही के जिम्मेदार ठहराते हुए निलंबित कर दिया गया है। हाथरस जिले के फुलरई गांव में 2 जुलाई को नारायण साकार विश्व हरि के नाम से लोकप्रिय ‘भोले बाबा’ के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी तथा 31 अन्य घायल हो गए थे।
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