नई दिल्ली (आवाज न्यूज ब्यूरो) आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को एक बार फिर पश्चिम बंगाल का डीजीपी नियुक्त किया गया है। दरअसल, चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले राजीव कुमार का ट्रांसफर कर दिया था। बता दें कि बीजेपी ने राजीव कुमार पर ममता सरकार के लिए काम करने का आरोप लगाया था। संदेशखालि की घटना के बाद डीजीपी राजीव कुमार पर विपक्षी नेताओं ने सवाल खड़े किए थे और चुनाव आयोग से उन्हें डीजीपी पद से हटाने की मांग की थी। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटने के करीब डेढ़ महीने बाद एक बार फिर राजीव कुमार को फिर से पश्चिम बंगाल का डीजीपी नियुक्त किया गया है।
बंगाल सरकार ने ममता बनर्जी के सबसे भरोसेमंद आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को 31 दिसंबर, 2023 को पश्चिम बंगाल पुलिस का डीजीपी नियुक्त किया था। वे इस साल मार्च तक कार्यरत थे लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने उन्हें गैर-इलेक्ट्रोटल पद पर ट्रांसफर कर दिया था। चुनाव के बाद, उन्हें पश्चिम बंगाल सरकार ने डीजीपी के पद पर बहाल कर दिया है। पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार राज्य आपराधिक जांच विभाग के अतिरिक्त डीजीपी के रूप में काम कर चुके हैं। सीबीआई ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले कुमार पर विशेष जांच दल की अगुवाई करते हुए शारदा घोटाले की जांच के दौरान सबूतों को दबाने और छुपाने का आरोप लगाया था। घोटाले की छानबीन करने के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी गठित की थी। शारदा घोटाला 2013 में सामने आया था और शारदा चिट फंड में निवेश करने वाले कई लाख लोग आर्थिक रूप से तबाह हो गए थे। राजीव कुमार तब बिधाननगर के पुलिस आयुक्त थे।
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