नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) जेडीयू के नीतीश कुमार एंव तेलगूदेशमक के चन्द्राबाबू नायडू के समर्थन से चल रही मोदी सरकार ने वक्फ बोर्ड अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर ली है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है। वक्फ अधिनियम में संशोधन करने वाला विधेयक इसी हफ्ते संसद में पेश किए जाने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार वक्फ एक्ट में संशोधन बिल 5 अगस्त को संसद में पेश कर सकती है। संसद में इस बिल के पास होने के बाद वक्फ बोर्ड के अधिकारों में कटौती होगी।
वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति को अपनी संपत्ति घोषित करने से परहेज करेंगे। 2013 में केंद्र की यूपीए सरकार ने वक्फ कानून में संशोधन लाकर वक्फ बोर्डों को अधिक ताकत दिया था। इस बिल पर संसद के अंदर और बाहर विरोध होना तय माना जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं कि मोदी सरकार के बिल में क्या-क्या होगा?
मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित प्रमुख संशोधनों में वक्फ बोर्डों का पुनर्गठन, बोर्डों की संरचना में बदलाव और बोर्ड द्वारा वक्फ की संपत्ति घोषित करने से पहले उसका सत्यापन सुनिश्चित करना शामिल है। विधेयक में सेंट्रल वक्फ काउंसिल और स्टेट वक्फ बोर्डों की संरचना को बदलने के लिए वक्फ एक्ट की धारा 9 और धारा 14 में संशोधन करने का प्रस्ताव है, ताकि निकायों में महिलाओं के लिए प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।
मोदी सरकार के विधेयक में स्टेट वक्फ बोर्डों द्वारा दावा की गई विवादित जमीन के नए सत्यापन की मांग करने का भी प्रस्ताव है।
विधेयक में वक्फ बोर्डों द्वारा जिस संपत्तियों पर दावा किया जाएगा, उसको अनिवार्य रूप से सत्यापित किया जाएगा।
पिछले साल मई में दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि केंद्र सरकार उन 123 संपत्तियों का फिजिकल इंसपेक्शन कर सकती है, जिनके कब्जे का दावा दिल्ली वक्फ बोर्ड कर रहा है। इसके बाद पिछले साल अगस्त में केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने इन सभी संपत्तियों को नोटिस भी जारी किया। इस समय देश भर में 28 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30 वक्फ बोर्ड हैं।
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