नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) राजधानी दिल्ली में आज ‘इंडिया’ गठबंधन के सांसदों ने संसद के मकर द्वार पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन का उद्देश्य स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी को हटाने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाना है। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, ’सरकार ने स्वास्थ्य बीमा और दवाइयों पर जो जीएसटी लगा रखी है उससे आम जनमानस बहुत परेशान है। नितिन गडकरी (केंद्रीय मंत्री) भी इसके लिए पत्र लिख चुके हैं। सरकार के अंदर भी इस बात के लिए बहुत विरोध है। पूरा विपक्ष आज इसके लिए विरोध प्रदर्शन कर रहा है। सरकार को आम आदमी को राहत देनी पड़ेगी।’
विपक्षी दलों का कहना है कि बीमा प्रीमियम पर जीएसटी लोगों के लिए आर्थिक बोझ है और इसे हटाना आवश्यक है। उनका तर्क है कि यह टैक्स न केवल बीमा पॉलिसियों को महंगा बनाता है, बल्कि समाज में आर्थिक असुरक्षा भी बढ़ाता है। वे मांग कर रहे हैं कि जीएसटी हटाने से अधिक लोग बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे समाज में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी और लोगों को आर्थिक सहायता मिलेगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र
इससे पहले भी विपक्षी दलों ने बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे पर समन्वय किया था, लेकिन संयुक्त रूप से किसी प्रदर्शन की योजना नहीं बनाई गई थी। तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने संसद में इस मुद्दे को उठाया था और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को इस संदर्भ में पत्र भी लिखा है। पत्र में उन्होंने आग्रह किया है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर जीएसटी को हटाया जाए, जिससे जनता को राहत मिल सके।
बता दें कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को एक पत्र लिखकर जीवन बीमा और चिकित्सा बीमा पर जीएसटी हटाने की मांग की है। गडकरी ने तर्क दिया है कि इन बीमा पॉलिसियों पर से जीएसटी हटाने से लोग अधिक संख्या में बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए प्रोत्साहित होंगे, जिससे समाज में सुरक्षा की भावना बढ़ेगी और लोगों को आर्थिक सहायता मिलेगी।
54वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक अगस्त के तीसरे हफ्ते में होने की संभावना है, जिसमें इस प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। यदि वित्त मंत्री इस प्रस्ताव को मंजूरी देती हैं, तो देश के करोड़ों लोगों को मेडिकल इंश्योरेंस करना आसान हो जाएगा और इसका प्रीमियम भी कम हो जाएगा।