हिन्दुओं की रक्षा करे बांग्लादेश की सेना : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद पड़ोसी देश बांग्लादेश में बढ़ती अशांति पर चिंता व्यक्त करते हुए ज्योतिर्मठ पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बांग्लादेश की सेना से वहां के हिंदुओं की रक्षा करने की अपील की है।
उन्होंने कहा, हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल मची हुई है। इस समय देश सेना के संरक्षण में है। हमें निश्चित रूप से उम्मीद है कि वहां की सेना लोगों की सुरक्षा की अपनी जिम्मेदारी निभाएगी। बांग्लादेश में हमारे 10 प्रतिशत हिंदू भाई रहते हैं और उनकी सुरक्षा भी महत्वपूर्ण है। इसलिए हम वहां की सेना और वर्तमान में वहां सत्ता में बैठे लोगों से अनुरोध करना चाहते हैं कि हमारे हिंदू लोगों को किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़े। स्वामी ने बांग्लादेशी सेना से अनुरोध किया, “वहां रहने वाले हिंदू भी आपके देश के नागरिक हैं और हर नागरिक के लिए उसी तरह की व्यवस्था, सुविधाएं और व्यवसाय स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, हम आपसे इसी अपेक्षा के साथ कह रहे हैं। हम वहां रहने वाले हिंदुओं से भी कहना चाहेंगे। परिस्थितियों के अनुसार धैर्य बनाए रखते हुए अपनी रक्षा करें और अपने देश के विकास में भी योगदान दें।
हसीना (76) को 5 अगस्त को पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जब विवादास्पद कोटा प्रणाली को लेकर उनकी सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे, जिसमें सभी सरकारी नौकरियों में आधे से अधिक कुछ समूहों के लिए आरक्षित थे।
देश की राजधानी ढाका की सड़कों पर लाखों प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन किया और फिर प्रधानमंत्री आवास पर हमला किया तथा बांग्लादेश के मुक्ति नायक और शेख हसीना के पिता शेख मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को नष्ट कर दिया। बांग्लादेश सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल वकर-उज-जमान ने घोषणा की कि देश पर अंतरिम प्रशासन शासन करेगा। छात्र प्रदर्शनकारियों ने पहले ही सैन्य सरकार को खारिज कर दिया है। उन्होंने सेना प्रमुख के भाषण को स्थगित कर दिया ताकि हसीना को पद छोड़ने और देश छोड़ने के लिए और समय मिल सके।
समुदाय के नेताओं ने बताया कि सोमवार, 5 अगस्त को एक अनियंत्रित भीड़ ने ढाका में एक भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में तोड़फोड़ की और देश भर में चार हिंदू मंदिरों को मामूली नुकसान पहुंचाया। हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद की प्रमुख काजोल देबनाथ ने कहा कि हालांकि हसीना को हटाए जाने से मंदिरों को बहुत कम नुकसान पहुंचा है, लेकिन माहौल अभी भी तनावपूर्ण है। ढाका के धानमंडी क्षेत्र में स्थित इंदिरा गांधी सांस्कृतिक केंद्र भी प्रदर्शनकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त किये गये स्थलों में शामिल था।

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