धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आने की अटकलें,चर्चाओं का बाजार गर्म

नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) राज्य सभा अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया है। पर उससे पहले सभापति के व्यवहार से क्षुब्ध विपक्षी दलों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का मन बनाया। दरअसल सदन 12 अगस्त तक चलने वाला था पर उसे तीन दिन पहले 9 अगस्त को ही स्थगित कर दिया गया। अब आगे की रणनीति सदन के शुरू होने पर ही बन पाएगी। पर जिस तरह से विपक्षी सांसदों के तेवर दिखाई दे रहे हैं ऐसा लगता है कि वे पीछे हटने वाले नहीं हैं। 87 सासंदों ने उनके खिलाफ हस्ताक्षर किए हैं।
सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दलों के लिए यह बात बहुत चिंताजनक है कि नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का माइक बार-बार बंद किया जाता है। सूत्र के अनुसार, विपक्ष चाहता है कि सदन नियमों और परंपरा के अनुसार चले और सदस्यों के खिलाफ व्यक्तिगत टिप्पणियां अस्वीकार्य हैं। धनखड़ और ‘इंडिया’ गठबंधन पार्टियों के बीच संबंध तब बिगड़ गए जब सूत्रों ने कहा कि वे उपराष्ट्रपति को उनके पद से हटाने के लिए प्रस्ताव पेश करने के लिए नोटिस जमा करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, इस तरह के कदम की तकनीकी बातों पर कोई स्पष्टता नहीं है क्योंकि सदन का सत्र नहीं चल रहा है। इससे पहले राज्यसभा में शुक्रवार को समाजवादी पार्टी की सदस्य जया बच्चन द्वारा सभापति जगदीप धनखड़ के बोलने के लहजे पर आपत्ति जताए जाने के बाद आसन और विपक्ष के बीच टकराव देखने को मिला।
विपक्षी दलों के पास उन्हें हटाने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं
नोटिस के समय पर चर्चा की जानी है और निर्णय लिया जाना है। हालांकि प्रस्ताव पारित नहीं हो सकता है क्योंकि विपक्षी दलों के पास उन्हें हटाने के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि यह अध्यक्ष के स्पष्ट रूप से और लगातार पक्षपातपूर्ण दृष्टिकोण को उजागर करने वाला एक बयान होगा। विपक्षी सूत्रों ने कहा कि धनखड़ के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के प्रस्ताव पर 87 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं। एक सूत्र ने कहा कि लगभग दो दिन पहले सदन के नेता जेपी नड्डा को अनौपचारिक रूप से बताया गया था कि विपक्ष उपराष्ट्रपति को हटाने के लिए प्रस्ताव पेश करने पर विचार कर रहा है।
विपक्षी सदस्यों के माइक्रोफोन अक्सर बंद कर दिए जाते हैं : प्रमोद तिवारी
कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने दावा किया कि विपक्ष के नेता खरगे को बोलने की अनुमति नहीं है, उन्हें अक्सर बाधित किया जाता है और उनके माइक्रोफोन अक्सर बंद कर दिए जाते हैं, यह किसी एक पार्टी की बात नहीं है, दो-तीन दिन पहले घनश्याम तिवाड़ी ने नेता प्रतिपक्ष के लिए ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जो सही नहीं था और अपमानजनक एवं अस्वीकार्य थे। हमने विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव के लिए नोटिस दिया थो हम इस पर फैसला जानना चाहते थे, फैसला नहीं आया, यह लिखित में होना चाहिए।
सभापति का दृष्टिकोण पक्षपातपूर्ण : माकन
कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, विपक्षी दलों को लगता है कि सभापति का दृष्टिकोण पक्षपातपूर्ण है, राज्यसभा एक ऐसा सदन है, जो अन्य विधायिकाओं के लिए मानदंड निर्धारित करता है, उस सदन में, सभापति को पक्षपातपूर्ण नहीं दिखना चाहिए, केवल कांग्रेस ही ऐसा महसूस नहीं करती है, बल्कि सभी विपक्षी दलों को लगता है कि सभापति का व्यवहार एक पक्ष को लेकर पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने कहा कि विपक्ष को उच्च सदन में वह महत्व नहीं मिल रहा है, जिसका वह हकदार है।
अनुच्छेद 67 के तहत नोटिस की तैयारी
विपक्षी दल उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ को पद से ‘हटाने के लिए उनके खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 67 के तहत प्रस्ताव लाने की खातिर नोटिस देने पर विचार कर रहे हैं। अनुच्छेद 67(बी) के तहत उपराष्ट्रपति को राज्यसभा के सभी तत्कालीन सदस्यों के बहुमत से पारित और लोकसभा द्वारा सहमत एक प्रस्ताव के माध्यम से उनके कार्यालय से हटाया जा सकता है, हालांकि, इसके लिए कोई भी प्रस्ताव तब तक पेश नहीं किया जाएगा, जब तक कि प्रस्ताव पेश करने के इरादे से कम से कम 14 दिन का नोटिस न दिया गया हो।

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