‘‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ महिलाओं से जुड़े मुद्दों को उठाएगी’’
लखनऊ।(आवाज न्यूज ब्यूरो) सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने रक्षाबंधन के अवसर पर ‘समाजवादी सबला सुरक्षा वाहिनी’ के गठन का ऐलान करते हुए कहा कि यह वाहिनी वर्तमान संदर्भ में ‘स्त्री-संरक्षणीकरण’ की नई अवधारणा को जन-जन तक पहुंचाएगी। यादव ने सोमवार को अपने आधिकारिक ’एक्स’ पेज के जरिए एक विस्तृत संदेश जारी किया। उन्होंने कहा, सदियों से इतिहास में सर्व समाज द्वारा मनाए जाने वाले सुरक्षा-सौहार्द के सामाजिक-सामुदायिक पर्व ’रक्षा-बंधन’ के अवसर पर समाजवादी पार्टी ‘आधी-आबादी’ मतलब हर बालिका, स्त्री, नारी, महिला को समर्पित एक ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ का गठन कर रही है।
सपा प्रमुख ने कहा कि यह (वाहिनी) वर्तमान संदर्भ में ‘स्त्री-संरक्षणीकरण’ की नवीन अवधारणा को जन-जन तक ले जाएगी और सद्भावनापूर्ण प्रयासों और समानता के विचारों के प्रसारण से महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक परिवर्तन लाकर सामाजिक सोच में आमूलचूल परिवर्तन लाएगी तथा महिलाओं को समावेशी विकास का हिस्सा बनाएगी। उन्होंने कहा कि ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ महिलाओं से जुड़े मुद्दों और मामलों में केवल औपचारिकता नहीं निभाएगी बल्कि बीते कल से सबक लेते हुए ’वर्तमान’ को झकझोर कर सचेत बनाएगी, ‘दूरगामी ठोस क़दम’ भी उठाएगी, रास्ते भी बनाएगी और चलकर भी दिखाएगी क्योंकि परिवर्तन बयानों से नहीं, सच्ची भावना से किये गये सद्-प्रयासों से ही आएगा।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, यह आधी-आबादी की पूरी आज़ादी का अभियान है जिसके शुभारंभ के लिए ’रक्षा-बंधन’ जैसे पावन-पर्व से अच्छा अन्य कोई पर्व और क्या हो सकता है, लेकिन ये कोई एक दिन का पर्व नहीं होगा बल्कि हर पल, हर जगह, हर दिन सक्रिय रहने वाली जागरूकता का चैतन्य रूप होगा। यह नारी के संदर्भ में नज़रिया बदलने के लिए ‘सामाजिक-समझाइश’ का रास्ता अपनाएगा।“ उन्होंने कहा, हमारा संकल्प-सिद्धांत है : स्त्री ‘शक्ति’ का प्रतीक भी होनी चाहिए और प्रमाण भी होनी चाहिए।
श्रीयादव ने कहा कि इसीलिए समाज के सभी वर्गों और तबकों की महिलाओं से अनुरोध है कि वे ‘समाजवादी सबला-सुरक्षा वाहिनी’ से जुड़ने के लिए आगे आएं और अपनी कुशलता व हुनर से अन्य महिलाओं को आर्थिक-सामाजिक रूप से समर्थ-सबल बनाने में अपना योगदान दें। सपा प्रमुख ने कहा कि वे महिलाओं की सुरक्षा के सवालों पर आवाज़ भी बुलंद करें और उनके लिए सुरक्षित वातावरण के निर्माण में सहयोग भी करें। यादव ने कहा, जिस दिन ‘नारी की आज़ादी’, देश की आज़ादी की पर्याय बन जाएगी, उस दिन सच में ‘आधी आबादी’ की पूरी आज़ादी होगी।
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