देश की सत्तर फीसदी आबादी के हिसाब से बनाई जाएं नीतियां, चंद लोगों के लिए हैं भाजपा की नीतियां : राहुल गांधी

‘‘देश की आधी आबादी ओबीसी हैं, 15 प्रतिशत दलित, आठ प्रतिशत आदिवासी हैं। यह मिलाकर 73 प्रतिशत होता है,जबकि इसमें अल्पसंख्यक नहीं शामिल हैं।’’
‘‘सिर्फ चुनिंदा पूजीपतियों और तीस फीसदी लोगों के लिए हैं केंद्र सरकार की नीतियां’’
‘‘इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) के संविधान सम्मान सम्मेलन में बोले राहुल गांधी’’
प्रयागराज। (आवाज न्यूज ब्यूरो)
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा, देश की आबादी के हिसाब से नीतियां बनाई जानी चाहिए, तभी सबको सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सकता है। देश की आधी आबादी ओबीसी है। 15 प्रतिशत दलित, आठ प्रतिशत आदिवासी हैं। यह मिलाकर 73 प्रतिशत होता है। अभी इसमें अल्पसंख्यक नहीं शामिल हैं। देश की जो आबादी है जो सच्चाई है उसके हिसाब से हम पॉलिसी नहीं बनाएंगे तो फिर क्या मतलब है? राहुल गांधी शनिवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) के स्टेनली रोड महाराणा प्रताप चौराहा स्थित कन्वेंशन सेंटर में संविधान सम्मान सम्मेलन को बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।
राहुल गांधी ने कहा कि यदि आबादी के हिसाब से नीतियां नहीं बनाई जाती हैं तो जरूरतमंदों को इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा और पॉलिसी बनाने का कोई मतलब नहीं है। राहुल गांधी ने कहा कि देश की 70 फीसदी आबादी के हिसाब से नीतियां नहीं बनाई जा रही हैं। केंद्र सरकार की नीतियां सिर्फ चुनिंदा पूजीपतियों और तीस फीसदी लोगों के लिए है। अधिकांश आबादी को केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। संविधान यह कहता है कि सभी नागरिक एक समान हैं और सभी को बराबर अधिकार मिलना चाहिए।
एक नहीं, सभी जातियों की हो जनगणना
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा कह रही है कि वे जाति जनगणना करेंगे और एक ओबीसी वर्ग को शामिल करेंगे। पहली बात यह है कि जाति जनगणना में सिर्फ ओबीसी का उल्लेख करना पर्याप्त नहीं है। विभिन्न समुदाय हैं, और हम उन सभी की एक सूची चाहते हैं। हमारे लिए, यह सिर्फ एक जनगणना के बारे में नहीं है; यह नीति-निर्माण की नींव है। उन्होंने कहा कि मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम सिर्फ एक जाति जनगणना के बारे में बात नहीं कर रहे हैं, जाति जनगणना जनसंख्या के बारे में जानकारी प्रदान करेगी कदम क्योंकि भागीदारी सुनिश्चित करने से पहले जनसंख्या को समझना आवश्यक है, हालांकि, जनसंख्या को जानना अंतिम कदम नहीं है। मेरा दृष्टिकोण यह समझना है कि भारत में धन कैसे वितरित किया जाता है।

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