‘‘ऐसी सुविधा देश के हर नागरिक को दे सकती है सरकार?’’
नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को अपनी दो शिष्याओं के साथ बलात्कार करने के जुर्म में कोर्ट ने 2017 में 20 साल की सजा सुनाई। सजा सुनाए जाने के बाद से वह अभी तक 10 बार पैरोल या फरलो पर जेल से बाहर आ चुका है। इस महीने की 13 तारीख को राम-रहीम के फिर से 21 दिन की फरलो पर जेल से बाहर निकाला गया है। क्या ऐसी सुविधा देश के हर नागरिक को दे सकती है सरकार?
इस महीने में जो फरलो मिला है वह 21 दिन यानी तीन हफ्ते का है। इसके समाप्त होने तक डेरा प्रमुख अपनी सजा के 255 दिन यानी आठ महीने से अधिक समय जेल से बाहर बिता चुका लेगा। गुरमीत राम रहीम को फरलो हरियाणा में 1 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से लगभग डेढ़ महीने पहले दिया गया, जो चुनाव से लगभग एक महीने पहले तक जेल से बाहर रहेगा।
2022 में राम-रहीम तीन बार जेल से आया बाहर
2022 में डेरा प्रमुख राम-रहीम को तीन बार जेल से बाहर लाने का प्रबंध किया गया। फरवरी 2022 की शुरुआत में 21 दिन के लिए बाहर आया। यह पंजाब विधानसभा चुनाव होने से कुछ हफ्ते पहले की बात है, हालांकि, इसका फायदा भाजपा को नहीं मिला। आम आदमी पार्टी पंजाब में 92 सीटें जीतने में कामयाब रही, जबकि भाजपा को सिर्फ दो और कांग्रेस को 18 सीटें मिलीं। उसके बाद जून 2022 में 30 दिन की पैरोल मिली। इस बार जेल से बाहर उस समय किया गया, जब पंचायत चुनाव नजदीक थे। अबकी बार उसको उत्तर प्रदेश के बागपत स्थित आश्रम तक ही सीमित रहने को कहा गया, लेकिन रोहतक जिले में राम रहीम के ऑनलाइन सत्संग (प्रवचन) ने हलचल मचा दी, जब भाजपा नेता और करनाल की पूर्व मेयर रेणु बाला गुप्ता को वर्चुअली उसका आशीर्वाद लेते देखा गया।
राजस्थान विधानसभा चुनावों के पूर्व भी मिला पैरोल
पिछले साल जुलाई में डेरा प्रमुख को 30 दिन की पैरोल मिली। इस समय राजस्थान के कुछ हिस्सों में पंचायत चुनाव होने थे। फिर नवंबर 2023 में 21 दिन के फरलो पर बाहर आया। यह तब हुआ जब राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने थे। राजस्थान में भी डेरा का काफी प्रभाव माना जाता है। इस साल जनवरी में, राजस्थान विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, उसे 50 दिन के लिए पैरोल मिला और वह बाहर रहा।
क्या राजनीतिक दल राम-रहीम का करते हैं सपोर्ट?
जिसको कोर्ट ने सजा सुनाई है और उसे जेल में सजा काटनी है तो कैसे बार-बार उसको पैरोल या फरलो मिल जाता है? ऐसे अपराधियों को किसका संरक्षण मिला है? क्या उन्हें चुनाव प्रभावित करने के लिए जेल से बाहर लाया जाता है? क्या सच में उनके पास इतना बड़ा वोट बैंक है जो पूरे राज्य में तो नहीं लेकिन उस निर्वाचन क्षेत्र के वोटरों को प्रभावित कर सकते हैं, जहां के वो रहने वाले हैं?
सिरसा जिले में है डेरा का मुख्यालय
हरियाणा के जेल मंत्री रणजीत सिंह चौटाला रानिया विधानसभा सीट से चुनकर आते हैं। वे फिर से उसी सीट से चुनाव लड़कर जीतना चाहते हैं। रानिया विधानसभा क्षेत्र सिरसा जिले का हिस्सा है। इसी जिले में डेरा सच्चा सौदा का हेडक्वार्टर है।