कन्नौज : चर्चित किशोरी रेप काण्ड के सहआरोपी नीलू ने किया आत्मसमर्पण

बृजेश चतुर्वेदी

कन्नौज। (आवाज न्यूज ब्यूरो)  चर्चित किशोरी रेपकांड में साक्ष्य मिटाने के प्रयास के आरोपी नीलू यादव जो बाद में लगाये गए गैंगस्टर एक्ट में वांछित था और जिसे पुलिस की 5 टीमें तलाश रहीं थीं आज 6 दिन बाद नीलू ने पुलिस को चकमा देते हुए कोर्ट में सरेंडर किया। उसके कोर्ट पहुंचने की पुलिस को भनक तक नहीं लगी। पुलिस का प्रयास लगातार दूसरी बार विफल हुआ पहली बार भी वो पुलिस को चकमा देकर कोर्ट में हाज़िर हुआ था। पुलिस ने उसकी जेल से 

रिहाई के वक्त अरेस्ट करने का बनाया था लेकिन यह प्रयास विफल रहा था।

नसरापुर स्थित चौधरी चंदन सिंह डिग्री कॉलेज के प्रबन्धक नवाब सिंह यादव पर 11 अगस्त की रात नाबालिग से रेप करने का आरोप लगा था। 12 अगस्त को पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। रेपकांड में नवाब सिंह को बचाने के लिए साक्ष्य मिटाने का प्रयास करने वाले उसके छोटे भाई की 27 सितंबर को जेल से रिहाई हो गई थी।

उसी दिन पुलिस ने उसके ऊपर गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। नीलू की रिहाई के वक्त ही उसे अरेस्ट करने का पुलिस का प्लान था। लेकिन जेल से निकलते ही नीलू फरार हो गया था। उसकी गिरफ्तारी के लिए 5 टीमें लगाई गई थी। लेकिन पुलिस उसे अरेस्ट करने में नाकाम हुई। गुरुवार सुबह नीलू पुलिस को चकमा देते हुए कोर्ट में सरेंडर किया।

एक महीने में नीलू ने दूसरी बार किया सरेंडर

चर्चित रेपकांड में साक्ष्य मिटाने का प्रयास करने वाले आरोप झेल रहे नीलू यादव को पुलिस 21 अगस्त से तलाश कर रही थी। 12 दिनों तक पुलिस से लुकाछिपी खेलने के बाद उसने 3 सितंबर को आसानी से कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। उस समय भी पुलिस की खूब किरकिरी हुई थी। ऐसे में एक बार फिर नीलू ने कोर्ट में सरेंडर कर के पुलिस को चुनौती दी है।

11 अगस्त की रात सपा नेता नवाब सिंह यादव ने चौधरी चंदन सिंह महाविद्यालय में नाबालिग के साथ कथित तौर पर रेप किया था। पीड़िता की शिकायत पर रात में ही पुलिस ने उन्हें कॉलेज के एक कमरे से अरेस्ट कर 12 अगस्त को जेल भेज दिया था। इस दौरान नवाब सिंह के छोटे भाई नीलू यादव ने पीड़िता की बुआ को लालच देकर उसका मेडिकल न कराने और कोर्ट में बयान देने से रोकने का दबाव बनाया था। ये मामला तब सामने आया था। जब रेप कांड में सह आरोपी पीड़िता की बुआ को पुलिस ने 21 अगस्त को अरेस्ट किया था। पूछताछ के दौरान उसने सच कबूल करते हुए नीलू पर आरोप लगाते हुए बताया था कि पीड़िता के बयान बदलवाने और मेडिकल परीक्षण न कराने के लिए नीलू ने उसके एक करीबी के बैंक अकाउंट में 4 लाख रुपए ट्रांसफर कराए थे। इसके बाद से नीलू फरार हो गया। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की 6 टीमें लगी रहीं। नीलू पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था।

पॉक्सो कोर्ट में सरेंडर किया था

इस सबके बावजूद पुलिस को चकमा देकर नीलू ने 3 सितंबर को पॉक्सो कोर्ट में सरेंडर किया था। जिसके बाद से वह जिला जेल अनौगी में बन्द था। उनके वकील ने कोर्ट में नीलू की जमानत याचिका दाखिल की। जिस पर सुनवाई करते हुए स्पेशल जज पाक्सो अलका यादव की कोर्ट ने नीलू की जमानत मंजूर की थी। विशेष लोक अभियोजक किशोर दोहरे और अपर शासकीय अधिवक्ता नवीन दुबे ने बताया कि नीलू पर जमानती धाराएं लागू थीं। जिससे उन्हें जमानत दे दी गई थी

 रेप केस में एसपी अमित कुमार आनंद ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा था कि रेप मामले में घटनास्थल से साक्ष्य कलेक्ट किए गए थे। इसकी एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) से रिपोर्ट आई जिसमें नाबालिग से रेप की पुष्टि हुई।

सपा नेता ने लड़की से अपने ही कॉलेज में दरिंदगी की थी। उसे पुलिस ने मौके पर गिरफ्तार किया था। 16 अगस्त को नवाब को 14 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया। अगले दिन यानी 17 अगस्त को नवाब का डीएनए सैंपल लिया गया था। 

फरार होने के 8 दिन बाद अरेस्ट हुई थी पीड़ित की बुआ

21 अगस्त को पीड़ित की फरार बुआ अरेस्ट हुई। उसने बताया था कि नवाब सिंह के भाई ने बयान बदलने के लिए पैसे का लालच दिया था। उसने ही कुछ लोगों का नाम लेने के लिए बोला था, ताकि इस मामले को साजिश बताया जा सके। इसी दिन नवाब के रिश्तेदार के कोल्ड स्टोरेज पर बुलडोजर चला। कोल्ड स्टोरेज की 200 फीट लंबी बाउंड्री वाल को गिराया। कई कमरों को भी तोड़ा गया था।

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