नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सोमवार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें मांग की गई थी कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारतीय महिलाओं की गरिमा को कथित रूप से ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगें। जनहित याचिका इस दावे पर आधारित है कि राहुल गांधी ने जनता दल (सेक्युलर) के पूर्व सांसद एवं बलात्कार के आरोपों का सामना कर रहे प्रज्वल रेवन्ना पर ‘‘400 महिलाओं के साथ बलात्कार करने और इस कृत्य का वीडियो बनाने का झूठा’’ आरोप लगाया है।
मुख्य न्यायाधीश एन.वी. अंजारिया और न्यायमूर्ति के. अरविंद की पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि यह अदालत के समय की बर्बादी है। न्यायालय ने याचिका दायर करने वाले संगठन ‘ऑल इंडिया दलित एक्शन कमेटी’ पर 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि सार्वजनिक भाषण के दौरान की गई राहुल गांधी की टिप्पणी बेहद ‘‘गैरजिम्मेदाराना और अपमानजनक’’ थी, खासकर हासन क्षेत्र की महिलाओं के लिए। उन्होंने अदालत से अनुरोध किया कि वह राहुल गांधी को नोटिस जारी करे और आरोपों के संबंध में जवाब मांगे।
Check Also
किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता सोशल मीडिया
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने कहा है कि सरकार 16 साल से कम …