दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी का बड़ा ऐलान : 10 हजार बस मार्शल्स को फिर से मिलेगा रोजगार

‘‘भा.ज.पा. के कुछ नेताओं की एक साजिश के तहत अक्टूबर 2023 में इन वालंटियर्स को हटा दिया गया था।’’
नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) 
दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी ने शनिवार को बताया कि लगभग 10,000 सिविल डिफेंस वालंटियर्स, जिन्हें पिछले साल बस मार्शल के रूप में हटाया गया था, अगले सप्ताह से फिर से चार महीने के लिए काम पर लौटेंगे। ये वालंटियर्स विभिन्न एंटी-पॉल्यूशन उपायों को लागू करेंगे। इस संबंध में दिल्ली सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
मुख्यमंत्री अतिशी ने एक प्रेस ब्रिफिंग में कहा कि सोमवार से सिविल डिफेंस वालंटियर्स को कॉल-आउट नोटिस भेजे जाएंगे, जिसके बाद वे मंगलवार और बुधवार को अपने-अपने जिला मजिस्ट्रेट कार्यालयों में पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण के दो से तीन दिनों के भीतर, इन वालंटियर्स को पॉल्यूशन हॉटस्पॉट की निगरानी, धूल प्रदूषण रोकने और कचरा जलाने जैसी गतिविधियों में तैनात किया जाएगा।
अतिशी ने बताया कि 2018 में दिल्ली सरकार ने सिविल डिफेंस वालंटियर्स को बस मार्शल के रूप में तैनात किया था, ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। लेकिन भा.ज.पा. के कुछ नेताओं के एक साजिश के तहत अक्टूबर 2023 में इन वालंटियर्स को हटा दिया गया था। मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम ने इन वालंटियर्स के साथ मिलकर उनकी नौकरी को फिर से बहाल करवाया।
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि दिल्ली सरकार जल्द ही एक प्रस्ताव भेजेगी जिसमें इन सिविल डिफेंस वालंटियर्स को नियमित किया जाएगा, ताकि उनके योगदान को और भी प्रभावी और स्थायी बनाया जा सके। दिल्ली सरकार ने बताया कि 1 नवंबर 2023 से इन सिविल डिफेंस वालंटियर्स को उनके मूल कार्य, जो आपदा प्रबंधन से संबंधित था, में तैनात किया गया था। वित्त और राजस्व विभागों ने आपत्ति जताई थी कि इन वालंटियर्स को बस मार्शल के रूप में तैनात करना गलत था, क्योंकि उनकी मुख्य जिम्मेदारी आपदा प्रबंधन में थी, न कि यात्री सुरक्षा। दिल्ली सरकार ने सिविल डिफेंस वालंटियर्स को उनके कार्य में फिर से सक्रिय करने का निर्णय लिया है, जिससे प्रदूषण नियंत्रण और महिलाओं की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बेहतर काम किया जा सकेगा। इसके अलावा, इन वालंटियर्स के नियमितीकरण के लिए प्रस्ताव भेजने की प्रक्रिया भी चल रही है, ताकि भविष्य में उन्हें स्थायी रूप से तैनात किया जा सके।

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