नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) मुख्यमंत्री आतिशी ने रविवार को बस मार्शल्स की नियुक्ति को लेकर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को खत लिखा है। उन्होंने खत में लिखा कि मार्शलों की दोबारा नियुक्ति को लेकर 13 नवंबर 2024 को हमारे सभी मंत्रियों ने एक प्रस्ताव पास करके आपको भेजा था। करीब दो हफ्ते से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी इस प्रस्ताव पर आपकी ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये देरी क्यों हो रही है।
उन्होंने एलजी से अपील करते हुए कहा कि आपसे हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि इस प्रस्ताव पर जल्द से जल्द अपनी स्वीकृति दें। ताकि उन 10,000 परिवारों में फिर से रौशनी लौट आए और महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में मार्शल तैनात हो सकें। सीएम आतिशी ने खत में लिखा, पूरी दिल्ली कभी नहीं भूल सकती वो दिन जब हमारी माताएं बहनें और बेटियां बसों में असुरक्षित महसूस करती थीं। छेड़खानी और गलत नज़रों का शिकार होना जैसे उनकी रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन गया था। बच्चियों का स्कूल और कॉलेज जाना किसी चुनौती से कम नहीं था और महिलाएं काम पर जाने से पहले सौ बार सोचती थीं कि क्या वे सुरक्षित लौट पाएंगी? ये दर्द हर घर में महसूस किया जाता था। हमारी सरकार ने इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए बसों में 10,000 से ज्यादा मार्शल तैनात किए। इन मार्शल ने ईमानदारी से अपना काम करते हुए बहुत से उपद्रवियों को पकड़ा था, उसके बाद से ही हर महिला ने पहली बार बसों में खुद को सुरक्षित महसूस किया था। बसों में तैनात हमारे मार्शल हर उस मां बहन बेटी के लिए उम्मीद थे जो रोज़ अपने घर से निकलती हैं।
उन्होंने आगे लिखा, इन मार्शलों ने न सिर्फ महिलाओं को सुरक्षा दी बल्कि उन्हें आत्मविश्वास भी दिया उनमें ये भरोसा भी जगाया कि अब कोई भी असामाजिक तत्व उनको तंग नहीं करेगा। लेकिन, फिर केंद्र सरकार के इशारों पर दिल्ली सरकार में बैठे कुछ अफ़सरों ने एक सज़िश के तहत पहले तो इन सभी मार्शलों की तनख्वाह रोकी और फिर 31 अक्टूबर 2023 को इन बस मार्शलों को उनकी नौकरी से भी हटा दिया गया। हमारी सरकार ने आपसे तब भी गुज़ारिश की थी कि ऐसे अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए लेकिन दुर्भाग्यवश उन पर कार्रवाई करने की बजाए उन्हें तरक्की देकर और भी बड़े पदों पर बैठा दिया गया। महोदय इन गरीब मार्शलों की नौकरी छीनने से न केवल उनके परिवारों का सहारा छिन गया बल्कि महिलाओं की सुरक्षा का वह कवच भी कमजोर हो गया जो हर दिन लाखों महिलाओं को निडर होकर बसों में सफर करने की ताकत देता था।
आतिशी ने लिखा, इन सभी मार्शलों को दोबारा नियुक्ति देकर इन्हें वापस नौकरी पर रखने के लिए 13 नवंबर 2024 को हमारे सभी मंत्रियों ने एक प्रस्ताव पास करके आपके पास आपके कार्यालय में भेजा। लेकिन, अब लगभग दो हफ़्ते से ज़्यादा का समय बीत जाने के बाद भी इस प्रस्ताव पर आपकी ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये देरी क्यों हो रही है। आपसे हाथ जोड़कर विनती करती हूं कि इस प्रस्ताव पर जल्द से जल्द अपनी स्वीकृति दें ताकि उन 10,000 परिवारों में फिर से रौशनी लौट आए और महिलाओं की सुरक्षा के लिए बसों में मार्शल तैनात हो सकें। आपकी स्वीकृति का इंतजार केवल इन मार्शलों को ही नहीं बल्कि मुझे और हमारी पूरी सरकार इन मार्शलों के परिवार और दिल्ली की सभी महिलाओं को है। हम सब आपकी सहमति का इंतजार कर रहे हैं।
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