फर्रुखाबाद। (आवाज न्यूज ब्यूरो) भारत सरकार का संस्कृति एंव पर्यटन विभाग द्वारा 17 दिसंबर को दिल्ली के राष्ट्रीय अभिलेखागार में, आयोजित होने वाले ,एमओयू हस्तांतरण कार्यक्रम में,अति प्राचीनतम दुर्लभ पुस्तकों आदि के निःशुल्क दानदाता,उत्तरप्रदेश में फर्रुखाबाद जिले के यशभारती सम्मानित पुरातत्वविद् ,इतिहासवेत्ता डॉ रामकृष्ण राजपूत को सम्मानित करेगा। यह जानकारी डॉ रामकृष्ण राजपूत ने अपने पल्ला आवास गल्ला मंडी शहर फर्रुखाबाद पर संवाद दाताओं से बातचीत करते हुए स्वंय दी।
उन्होंने बताया कि फर्रुखाबाद स्थिति हमारे व्यक्तिगत संग्रहालय में पिछले 5 दशकों से,अनुमानित करोड़ों रुपए की कीमती, अति प्राचीनतम विभिन्न भाषाओं की पांडुलिपियों, दस्तावेजों, मानचित्रों एवं दुर्लभ पेंटिंग आदि बड़ी संख्या में पुस्तको का मेरे द्वारा भारत सरकार के दिल्ली स्थित संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के राष्ट्रीय अभिलेखागार को माह अगस्त- सितंबर 2024 में निःशुल्क दान किया गया है।
एक प्रश्न के उत्तर में डा राजपूत ने बताया कि राष्ट्रीय अभिलेखागार, उपनिदेशक डॉ संजय गर्ग व सहायक निदेशक श्रीमती सुमिता दास मजूमदार एवं अन्य अधिकारियों का मानना है कि इस संग्रहित दुर्लभ अभिलेखी संपदा के राष्ट्रीय अभिलेखागार में उपलब्ध होने पर,विश्व के जिज्ञासु शोधार्थियों, भाषा वैज्ञानिकों के अध्ययन में सहायक होंगी । उन्होंने बताया कि दिल्ली के राष्ट्रीय अभिलेखागार में 17 दिसंबर को एम ओ यू हस्तांतरण के आयोजित होने वाले कार्यक्रम में डॉ रामकृष्ण राजपूत को सम्मानित किए जाने के साथ ही राष्ट्रीय अभिलेखागार लेखागार में ,दुर्लभ अभिलेखीय संपदा के निःशुल्क दानदाता डॉ रामकृष्ण राजपूत के नाम पर संग्रह दीर्घा की घोषणा की जाएगी। उन्होंने बताया कि वह कल सोमवार 16 दिसंबर 2024 को फर्रुखाबाद अपने आवास से एक वाहन द्वारा अपने परिवार के साथ उपरोक्त कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दिल्ली रवाना हो जाएंगे। दिल्ली के अशोका होटल में उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है ,जहां संस्कृति व पर्यटन विभाग का धीरज कुमार नामक कर्मी अधिकारी मौजूद रहेगा।
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