लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी विधानमंडल सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही सपा नेताओं के हंगामे के बाद स्थगित हो गई। वहीं, सपा नेता अतुल प्रधान विधान भवन स्थित चौधरी चरण सिंह प्रतिमा के पास धरने पर बैठ गए। इसके पहले, सदन की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई और विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर बिजली के निजीकरण के मुद्दे को लेकर सवाल उठाए। सपा नेता ने कहा कि हमारी सरकार में बिजली व्यवस्था में सुधार हुआ था। इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया गया था। आज ये स्थिति है कि निजीकरण किया जा रहा है। इससे बिजली महंगी हो जाएगी। ऊर्जा विभाग पर सपा विधायक रागिनी सोनकर ने सवाल उठाए? उन्होंने कहा कि समाजवादियों ने 17 हजार मेगावाट बिजली का उत्पादन किया। भाजपा की सरकार ने उसे डबल तक नहीं किया। आप ट्रांसफार्मर बदलते हैं अगले पल वह खराब हो जाते हैं। समाजवादी पार्टी की देन है कि प्रदेश में बिजली है और आप उसके सहारे काम कर पा रहे है। बिजली विभाग को भाजपा बेंच रही है। इस पर ऊर्जा मंत्री ए के शर्मा ने जवाब दिया और कहा कि योगी सरकार में करोड़ों लोगों को बिजली कनेक्शन दिए गए हैं और अब बिजली आना सिर्फ कुछ जिलों तक ही सीमित नहीं रह गया है।
खाद्य आयोग के गठन के लिए विज्ञापन इसी महीने, अध्यक्ष व सदस्यों के रिक्त पद भरे जाएंगे
यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विधान परिषद में जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में खाद्य आयोग के गठन के लिए विज्ञापन इसी माह जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष व सदस्यों के रिक्त पद भरे जाएंगे।
कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ने छुए सपा नेता शिवपाल सिंह यादव के पैर
सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सभी दलों के नेता एक दूसरे से मिले। इस दौरान विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा मोना ने सपा के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव के पैर छुए।
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