संसद के बाद अब सड़क पर उतरने की कांग्रेंस की बडी तैयारी : पूरे देश में निकाला जाएगा अंबेडकर सम्मान मार्च

नई दिल्ली।(आवाज न्यूज ब्यूरो) कांग्रेस पार्टी संसद के बाद अब सड़क पर भी आंबेडकर के मुद्दे पर बीजेपी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को घेरे रखने का प्लान तैयार कर चुकी है। इस मुद्दे पर ‘इंडिया’ गठबंधन के सभी दलों की एक राय होने से भी कांग्रेस उत्साहित है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी अब इस विवाद को सड़क पर लाने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए पार्टी हर राज्य में सड़कों पर प्रदर्शन करेगी।
इस मुद्दे पर कदम आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक आंतरिक सर्कुलर भी जारी किया है। इसके तहत पार्टी के सभी सांसद और कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति की सदस्य 22 या 23 दिसंबर को देशभर के 150 शहरों में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। इसमें प्रमुख शहरों के मद्देनजर बड़े दलित चेहरों को खास वरीयता दी जाएगी।
24 दिसंबर को देश के हर जिले में बाबा साहब आंबेडकर सम्मान मार्च निकाला जाएगा, जो आंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण से शुरू होकर डीएम को ज्ञापन देने तक चलेगा। कांग्रेस पार्टी इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं में दम भरने में जुट गई है। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस पार्टी को लगता है कि मौजूदा समय में जब दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में वो इस मुद्दे के जरिए बीजेपी को घेरने में कामयाब रह सकती है।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में संविधान के मुद्दे पर खड़े किए गए कांग्रेस और विपक्ष के नैरेटिव को बीजेपी ने हरियाणा और महाराष्ट्र के जरिए काफी हद तक ध्वस्त कर दिया था। जिसके बाद अडानी, संभल, बांग्लादेश जैसे मुद्दों पर टीएमसी, सपा, एनसीपी शरद पवार जैसी सहयोगी पार्टियां नाखुश थीं और कांग्रेस से दूरी बनाती दिख रही थीं, लेकिन आंबेडकर पर अमित शाह के बयान को बाबा साहेब का अपमान बताने में सबकी एक राय है।
सभी विपक्षी राजनीतिक पार्टियां अमित शाह से माफी और इस्तीफे की मांग पर सहमत हैं। ऐसे में कांग्रेस संसद सत्र खत्म होने के बाद भी इस मुद्दे को बिल्कुल ढीला नहीं पड़ने देना चाहती। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, वो यहीं नहीं रुकेगी बल्कि 26 दिसंबर को कर्नाटक में होने वाली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में अंबेडकर को लेकर प्रस्ताव भी लाया जा सकता है, फिर अगले दिन की रैली में भी ये मसला छाया रहेगा।
कांग्रेस नेता और राज्यसभा में उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि मैंने अपने 45 साल के संसदीय जीवन में इस तरह सरकार द्वारा संसदीय भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना नहीं देखा। आम आदमी को जो अधिकार मिले हैं वो बाबा साहेब के बनाए संविधान से ही मिला है। बीजेपी की सरकार ने संसद में यह काला अध्याय लिखा हैं। हफ्तों तक उन्होंने सदन नहीं चलने दिया। विपक्ष पर तो आरोप लगते ही रहे हैं, जब भाजपा विपक्ष में थी तो उस पर भी लंबे आरोप लगते रहे लेकिन सत्ता पक्ष कभी ऐसा नहीं करता। उनकी इस राजनीति को मैं छिछली और घटिया राजनीति मानता हूं।

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