बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। (आवाज न्यूज ब्यरो) कभी भारत की राजनीति के बेहद प्रभावशाली परिवार पूर्व प्रधान मंत्री स्व. विश्वनाथ प्रताप सिंह के दामाद तिर्वा स्टेट के राजा देवेश्वर नारायण सिंह समेत तीन लोगों के खिलाफ राजपरिवार की सील की गई जमीन बेचने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। राजघराने की कुछ जमीने ज़मीदारी विनाश अधिनियम के तहत सील की गई थी। आरोप है कि इन्ही जमीनों में से एक जमीन राजा साहब ने चोरी छिपे बेंच दी है। यह कार्यवाही राजस्व निरीक्षक विनोद कुमार की तहरीर पर की गई। मामले की जांच एसआई पंकज कुमार यादव को सौंपी गई है।
राजस्व निरीक्षक ने किया खुलासा
एसडीएम के आदेश पर राजस्व निरीक्षक विनोद कुमार ने सील की गई जमीन की जांच की। जांच में सामने आया कि राजा देवेश्वर नारायण सिंह ने इंद्रा नगर मोहल्ला निवासी कपिल कुमार गुप्ता और फतेहपुर गांव निवासी पूनम नामक महिला को यह जमीन बेच दी थी। प्रशासन द्वारा पहले से सील की गई इस जमीन की खरीद-फरोख्त करना गैरकानूनी है।
राजमहल की विवादित जमीन का पुराना इतिहास
राजा देवेश्वर नारायण सिंह तिर्वा के प्रताप भवन महल के मूल निवासी हैं। वर्तमान में वह लखनऊ के फैजाबाद रोड पर अपने परिवार के साथ रहते हैं। तिर्वा में उनकी कई जमीनें विवादों में घिरी हुई हैं। इनमें से अधिकांश जमीनें प्रशासन द्वारा सीलिंग अतिरिक्त जमीन घोषित की जा चुकी है। इन्ही में से एक जमीन को अनाधिकृत रूप से बेचने पर तिर्वा राजा समेत तीन पर पुलिस ने कानूनगो की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज की है। इन्हें सरकार के अधिकार में रखा गया है। इसके बावजूद अफसरों से सांठगांठ कर जमीनों की खरीद-फरोख्त का खेल धड़ल्ले से चल रहा है। यदि गहन जांच की गई तो इसमें शामिल कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्यवाही की गाज गिर सकती है।
एफआईआर के बाद मामले की जांच शुरू
राजस्व निरीक्षक की शिकायत पर तिर्वा कोतवाली में राजा देवेश्वर नारायण सिंह, कपिल कुमार गुप्ता और पूनम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई। अब जांच अधिकारी एसआई पंकज कुमार यादव इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रहे हैं।