जब मनमोहन सिंह बोलते हैं, तब पूरी दुनिया सुनती है : पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अमेरिका

नई दिल्ली।  (आवाज न्यूज ब्यूरो) भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर देश-दुनिया से शोक संदेश आ रहे हैं। इस बीच मनमोहन सिंह से जुड़ी कई घटनाओं का भी जिक्र किया जा रहा है, जिनमें से एक अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के संस्मरण से संबंधित है। बराक ओबामा ने अपनी किताब ए प्रॉमिस लैंड में मनमोहन सिंह का जिक्र किया है। जून 2010 में भी कनाडा में जी-20 सम्मेलन के इतर मुलाकात के बाद ओबामा ने कहा था कि जब मनमोहन सिंह बोलते हैं, तब पूरी दुनिया सुनती है।
नवंबर 2020 में ओबामा ने प्रकाशित की थी किताब
’ए प्रोमिस्ड लैंड’ नाम की किताब ओबामा के राजनीतिक जीवन पर आधारित संस्मरण का पहला अंक है। नवंबर 2020 में प्रकाशित इस किताब में बराक ओबामा ने 1400 शब्द नवंबर 2010 की अपनी पहली भारत यात्रा पर लिखे हैं। उन्होंने लिखा, जब वो मनमोहन सिंह से मिले थे, तब उन्होंने (मनमोहन सिंह) आशंका जाहिर की थी कि उन्हें आशंका है कि “मुस्लिम विरोधी भावनाएं बढ़ने से हिंदू राष्ट्रवादी पार्टी बीजेपी का प्रभाव बढ़ रहा है।“ तब बीजेपी मुख्य विपक्षी पार्टी थी।
मनमोहन सिंह ने ओबामा से क्या कहा था
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, मनमोहन सिंह ने कहा था, “मिस्टर प्रेसिडेंट, अनिश्चिता भरे समय में धार्मिक और जातीय एकजुटता का आह्वान लोगों को बहका सकता है। और ऐसे में राजनेताओं के लिए इसका दोहन ज्यादा मुश्किल नहीं होता, चाहे वो भारत में हो या फिर कहीं और हो।“ ओबामा ने इस पर सहमति जताई थी। ओबामा ने कहा कि इससे उन्हें प्राग यात्रा के दौरान वेलवेट रेवोल्यूशन के बाद चेक गणराज्य के पहले राष्ट्रपति बने वात्स्लाफ हावेल से हुई बातचीत और यूरोप में उदारवाद की लहर आने की चेतावनी याद आ गई।
पाकिस्तान को लेकर भी ओबामा से की थी बात
ओबामा ने लिखा, “अगर वैश्विकरण और ऐतिहासिक आर्थिक संकट अपेक्षाकृत अमीर मुल्कों में इन ट्रेंड्स को रफ्तार दे रहे हैं- और अगर मैं ये अमेरिका तक में देख रहा हूं – तो भारत इससे कैसे बच सकता है?“ ओबामा ने लिखा है कि भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह परमाणु हथियार से लैस पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ लगातार बने तनाव को लेकर भी चिंतित थे। ओबामा ने मनमोहन सिंह को ’भारत के आर्थिक बदलाव का मुख्य आर्किटेक्ट, बुद्धिमान, विचारवान और निष्ठापूर्वक ईमानदार’ बताया है।
26/11 हमले को लेकर ओबामा ने क्या लिखा
ओबामा ने लिखा, “तब पाकिस्तान की भी समस्या थी। साल 2008 में मुंबई के होटलों और दूसरी जगहों पर हुए आतंकवादी हमले की भारत के साथ जांच करने के काम में वो लगातार नाकाम साबित हो रहा था। इससे दोनों देशों में तनाव उल्लेखनीय तरीके से तनाव बढ़ रहा था क्योंकि माना जाता था कि हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा का पाकिस्तान की इंटेलिजेंट सर्विस से संबध है।“

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