नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो) सोमवार को तेलंगाना विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित कर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भारत रत्न से सम्मानित करने का केंद्र सरकार से आग्रह किया। डॉ. मनमोहन सिंह को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी द्वारा पेश प्रस्ताव को विधानसभा ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।
विधानसभा के विशेष सत्र में पूर्व प्रधानमंत्री को श्रद्धांजलि अर्पित की गई तथा राष्ट्र की प्रगति और तेलंगाना के गठन में उनके अमूल्य योगदान को स्वीकार किया गया। विधानसभा ने हैदराबाद में डॉ. मनमोहन सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, ताकि उन्हें एक महान नेता के रूप में याद किया जा सके, जिन्होंने तेलंगाना के लोगों की 60 वर्षों की आकांक्षाओं को पूरा किया। सदन ने डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित अर्थशास्त्री बताया, जिन्होंने मुख्य आर्थिक सलाहकार, आरबीआई गवर्नर, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री सहित विभिन्न पदों पर देश की सेवा की। प्रस्ताव में कहा गया है कि वित्त मंत्री के रूप में उनका कार्यकाल (1991-1996) देश के आर्थिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ था, जिसमें उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण जैसे प्रमुख सुधार हुए। प्रधानमंत्री के रूप में (2004-2014) उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), सूचना का अधिकार अधिनियम, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन और आधार कार्यक्रम जैसे परिवर्तनकारी सामाजिक कार्यक्रमों की शुरुआत की। उन्होंने विस्थापित व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए 2013 में भूमि अधिग्रहण अधिनियम में महत्वपूर्ण संशोधन पेश किए और आदिवासी समुदायों का समर्थन करने के लिए 2006 में वन अधिकार अधिनियम को संशोधित किया। विधानसभा ने इस तथ्य को भी रेखांकित किया कि तेलंगाना राज्य के निर्माण में डॉ. मनमोहन सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका थी। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान 2014 का आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम संसद में पारित किया गया, जिससे लोगों की दशकों पुरानी आकांक्षा पूरी हुई। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि राज्य के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तेलंगाना डॉ. मनमोहन सिंह का आभारी है। उन्होंने देश की वैश्विक प्रतिष्ठा बढ़ाने में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण और नेतृत्व पर प्रकाश डाला तथा भावी पीढ़ियों के लिए एक मार्गदर्शक के रूप में उन्हें सम्मानित करने के महत्व पर बल दिया। सभी दलों के सदस्यों ने मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी तथा तेलंगाना के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों को याद किया। मुख्य विपक्षी दल भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भी मनमोहन सिंह को भारत रत्न दिए जाने की मांग का समर्थन किया। बीआरएस नेता के.टी. रामा राव ने कहा कि उनका मानना है कि दिवंगत नेता सर्वोच्च सम्मान के हकदार हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि दिवंगत प्रधानमंत्री की स्मृति में तथा तेलंगाना के साथ उनके घनिष्ठ संबंध को मान्यता देने के लिए हैदराबाद के वित्तीय जिले में उनकी एक प्रतिमा स्थापित की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिमा को प्रमुख स्थान पर स्थापित करने से लोग दिवंगत नेता को उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर सकेंगे और उनसे प्रेरणा ले सकेंगे। रेवंत रेड्डी ने मनमोहन सिंह के निधन को राष्ट्र के लिए बड़ी क्षति बताते हुए कहा कि देश के लिए उनकी सेवाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकता। रेवंत रेड्डी ने याद दिलाया कि तेलंगाना के महबूबनगर से ही तत्कालीन प्रधानमंत्री ने एक वर्ष में 100 दिन का सुनिश्चित रोजगार देने के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना शुरू की थी। केटीआर ने याद दिलाया कि जब तेलंगाना के बेटे पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, तो उन्होंने लेटरल एंट्री के जरिए मनमोहन सिंह को सरकार में शामिल किया था। दिवंगत नेता को महान अर्थशास्त्री बताते हुए बीआरएस नेता ने कहा कि 1991 में अपने पहले बजट भाषण में मनमोहन सिंह ने कहा था कि पूरी दुनिया भारत के बारे में सुनेगी। बीआरएस नेता ने कहा कि मनमोहन सिंह सादा जीवन-उच्च विचार का दूसरा नाम थे। केटीआर ने कहा कि आज की राजनीति में निष्ठा और प्रतिबद्धता दुर्लभ है। मनमोहन सिंह एक महान नेता थे जो कांग्रेस के प्रति निष्ठावान रहे। मंत्रियों, कांग्रेस सदस्यों, बीआरएस, भाजपा, एआईएमआईएम और भाकपा के सदस्यों ने भी मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की।
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