बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर मुख्य सचिव से मिला छात्रों का प्रतिनिधिमंडल

नई दिल्ली। (आवाज न्यूज ब्यूरो)  बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले कई दिनों से पटना में धरना दे रहे अभ्यर्थियों का एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को बिहार के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा से मिला। हालांकि, इस बातचीत का फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकला है। इस बीच छात्रों ने धरना जारी रखने का निर्णय लिया है।
नीतीश सरकार के मुख्य सचिव से मुलाकात के बाद छात्रों के प्रतिनिधिमंडल में शामिल सदस्यों ने साफ लहजे में कहा कि अभी तुरंत निर्णय नहीं हुआ है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल अनु कुमारी ने कहा, “उन्होंने हमारी सारी बातों को सुना, ऐसा लगता है कि निर्णय होगा। उन्होंने कहा कि ब्यूरोक्रेसी में एक पैमाना होता है, निर्णय लेने का। जांच करने के बाद निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री के पटना आने के बाद मुलाकात करवाने का भी आश्वासन दिया।“ राम कश्यप ने कहा, “उनका कहना था कि एक केंद्र पर 18 हजार बच्चे हैं। ऐसा पहले भी हुआ है कि एक परीक्षा केंद्र की परीक्षा रद्द की गई है। इसके बाद मैंने 28 केंद्रों की सूची सौंपी, जिसमें अनियमितता बरती गई। उन्होंने भरोसा दिया है कि अगर इसमें एक भी सच्चाई होगी तो जांचकर पुनर्परीक्षा आयोजित की जाएगी।“ प्रतिनिधिमंडल में शामिल सुभाष का कहना है कि जब तक निर्णय नहीं होता है तब तक धरना जारी रहेगा। मुख्य सचिव को कुछ सबूत भी दिए गए हैं। हम लोगों ने 4 जनवरी की बापू परिसर में पुनर्परीक्षा को स्थगित करने की बात भी कही है तथा छात्रों पर हुए मुकदमा को वापस करने की मांग रखी गई है।

इससे पहले छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मिलने सचिवालय पहुंचा। उल्लेखनीय है कि रविवार को जब अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, तब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी दौरान झड़प हुई और स्थिति नियंत्रण से बाहर हो गई। पुलिस ने लाठीचार्ज और वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा रद्द कर पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर कई दिनों से पटना में धरना पर बैठे हैं।

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