प्रियंका गांधी ने वापस लिया यूपी में “मुख्यमंत्री के चेहरे” वाला बयान, बोलीं- चिढ़ कर कह दिया था

कांग्रेस के लिए बहुत जरूरी है अकेले चुनाव लड़ना: प्रियंका गांधी

लखनऊ। (आवाज न्यूज ब्यूरो) यूपी प्रभारी एंव कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि वह यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के लिए पार्टी का एकमात्र चेहरा नहीं हैं। उन्होंने कहा ‘मेरी पार्टी कहीं-कहीं पर ये तय करती है कि सीएम का चेहरा कौन बनेगा और कहीं पर तय नहीं करती है, ये पार्टी का तरीका है। मैं ये नहीं कह रही हूं कि सीएम का चेहरा मैं ही हूं, वो मैंने चिढ़ कर कह दिया क्योंकि बार-बार वो ही सवाल पूछे जा रहे हैं।’
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम पूरी शक्ति से चुनाव लड़ रहे हैं। विकास, बेरोजगारी, महंगाई, महिलाओं की सुरक्षा के जिन महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए वो मुद्दे मुख्य तौर पर कांग्रेस उठा रही है। कांग्रेस जनता की आवाज उठा रही है,आशा है कि इसका नतीजा अच्छा होगा। सभी राजनीतिक दल असलियत को छुपाकर चुनाव के समय ऐसे मुद्दे उठाना चाह रहे हैं जो जज्बाती हैं। जैसे जाति, सांप्रदायिकता पर आधारित मुद्दे क्योंकि वो विकास की बात नहीं करना चाहते हैं। इससे नुकसान सिर्फ जनता और फायदा राजनीतिक दलों का होता है।’
प्रियंका गांधी ने पूछा, ‘इस सरकार ने बेरोजगारों नौजवानों के लिए क्या किया है? चुनाव आता है तो कहते हैं कि 25 लाख नौकरियां देंगे, कभी ये समझाया है कि रोजगार कहां से आएगा? हमने ये कहा कि हम 20 लाख नौकरियां देंगे, हमने हवा में नहीं कहा। हमने पूरा घोषणापत्र निकाला है। 5 साल से यूपी में इनकी सरकार है, इनको पिछला महीना ही मिला हवाईअड्डे, हाईवे का उद्घाटन करने और नई इंडस्ट्री लगाने के लिए? क्या इससे पहले इनके पास समय नहीं था? चुनाव के सिर्फ एक महीने पहले आप सब घोषणाएं कर रहे हैं, घोषणाएं करनी हैं तो ठोस तरह से करें।’
यूपी चुनाव में कांग्रेस के गठबंधन को लेकर उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार थे, लेकिन ऐसी कोई चर्चा नहीं हुई और हम अकेले चुनाव लड़ रहे हैं। एक तरह से ये हमारी पार्टी के लिए अच्छा है। हमने काफी समय से यूपी में बहुत ज्यादा सीटों से चुनाव नहीं लड़ा है। जब एक पार्टी 400 सीटों में से सिर्फ 100 या 200 सीटों पर चुनाव लड़ती है तो ये बात साफ है कि पार्टी जिन सीटों पर चुनाव नहीं लड़ती है उन सीटों पर वो कमजोर होती जाती है। हमारी पार्टी के लिए अकेले चुनाव लड़ना और अपनी पार्टी को सशक्त बनाना बहुत जरूरी था। ये दरवाजा बीजेपी के लिए एक दम बंद है और बाकी पार्टियों के लिए खुला है। समाजवादी पार्टी और बीजेपी एक हद तक एक ही बिसात पर खेल रहे हैं क्योंकि दोनों का फायदा उसी तरह की राजनीति से हो रहा है।’
कांग्रेस महासचिव ने बसपा सुप्रीमों मायावती पर कहा, ‘मुझे बहुत आश्चर्य हुआ कि चुनाव भी आ गया लेकिन फिर भी वो सक्रिय नहीं हुईं, हो सकता है कि उन पर बीजेपी सरकार का दबाव हो।’

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